नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा दायर एक रिट याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने आज सरकार की एफडीआई नीति के उल्लंघन के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी किए। कोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी किया है। सुनवाई की अगली तारीख 15 अक्टूबर है जिसके द्वारा सभी पक्षों को नोटिस का जवाब प्रस्तुत करना होगा।
कैट ने अपनी रिट याचिका में अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा एफडीआई नीति के निरंतर और बार-बार उल्लंघनों पर जोर डाला और उनके द्वारा एफडीआई नीति के उल्लंघन को दोहराया है। कैट ने याचिका में कहा कि ये कम्पनियां अत्यधिक छूट देने, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचने और हानि फंडिंग में संलग्न हैं और इन्वेंट्री को नियंत्रित कर रही हैं, जिससे उनका मार्केट प्लेस इन्वेंट्री आधारित मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है। यह एफडीआई नीति का स्पष्ट उल्लंघन है।
बड़ी छूट देना एफडीआई के तहत प्रतिबंधित
कैट ने यह भी कहा कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां जो बड़ी छूट दे रही हैं वो बाजार में कीमतों को प्रभावित कर रही हैं जो एफडीआई नीति के तहत फिर से प्रतिबंधित हैं। कैट ने यह मुद्दा भी उठाया कि चूंकि ये ई-कॉमर्स कंपनियां इन्वेंट्री के मालिक नहीं हैं, इसलिए वे अन्य व्यक्तियों के स्वामित्व वाले सामान पर छूट की पेशकश कैसे कर सकते हैं। कैट ने आगे कहा कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआइ नीति को बहुत खुले तौर पर दरकिनार कर रही हैं और अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
असमान प्रतिस्पर्धा का बना रहीं वातावरण
कैट ने यह भी कहा कि नीति के उल्लंघन में ये ई-कॉमर्स कंपनियां बाजार में एक असमान प्रतिस्पर्धा के वातावरण का निर्माण कर रही हैं जो गैर वाजिब है। एफडीआई नीति के तहत जो कुछ भी निर्धारित किया गया है, ये ई-कॉमर्स कंपनियां ठीक उसके उलट अपनी व्यावसायिक गतिविधियां चला रही हैं। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने इन कंपनियों को नोटिस जारी किया है। अब इन कम्पनियों को न्यायालय को संतुष्ट करना होगा कि उनका व्यापारिक संचालन नीति के अनुरूप है।