नई दिल्ली। देश के विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच यात्री वाहनों और कारों की घरेलू बिक्री में अगस्त महीने की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह 1997-98 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है, जब से सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) ने आंकड़े जुटाने शुरू किए हैं। इसके साथ ही घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री में लगातार 10वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल के समान महीने के मुकाबले 31.57 फीसदी कम रही।
सियाम के मुताबिक पिछले महीने घरेलू बाजार में कुल 1,96,524 यात्री वाहन बिके। एक साल पहले की समान अवधि में 2,87,198 यात्री वाहन बिके थे। इसके साथ ही हर श्रेणी के वाहनों की बिक्री में अगस्त में गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि वाहन क्षेत्र में पिछले कई महीने से सुस्ती देखी जा रही है। जुलाई में भी यात्री वाहनों की बिक्री में 31 फीसदी गिरावट रही थी, जो 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट थी।
कारों की घरेलू बिक्री 41 फीसदी गिरी
सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कारों की घरेलू बिक्री अगस्त में 41.09 फीसदी गिरकर। गत महीने भारतीय बाजार में 1,15,957 कारें बिकीं। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 1,96,847 था।
मोटरसाइकिल की बिक्री 22 फीसदी घटी
सियाम के मुताबिक गत महीने मोटरसाइकिल्स की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 22.33 फीसदी कम रही। इस दौरान 9,37,486 यूनिट्स की बिक्री हुई। पिछले साल की समान अवधि में 12,07,005 मोटरसाइकिल्स बिकी थी।
वाहनों की कुल बिक्री 22 फीसदी कम रही
सभी प्रकार के दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री अगस्त में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22.24 फीसदी घट गई। पिछले महीने भारतीय बाजार में कुल 15,14,196 दोपहिया वाहन बिके थे। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा19,47,304 था।
वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 39 फीसदी गिरावट
सियाम के आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 37.71 फीसदी गिरावट रही। आलोच्य अवधि में देश में 51,897 वाणिज्यिक वाहन बिके थे।
सभी प्रकार के वाहनों की कुल बिक्री में 23.55 फीसदी गिरावट
अगस्त में घरेलू बाजार में समग्र वाहन उद्योग में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान सभी प्रकार के वाहनों की कुल बिक्री में 23.55 फीसदी गिरावट रही। गत महीने देश में कुल 18,21,490 वाहन बिके। पिछले साल की समान अवधि में देश में कुल 23,82,436 वाहन बिके थे।