नई दिल्ली। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। इस दौरान जीडीपी में मात्र 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सात साल पहले किसी तिमाही में इतनी कम ग्रोथ दर्ज की गई थी।
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह विकास दर 8 फीसदी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-जून के दौरान जीडीपी का कुल खर्च 3585175 करोड़ रहा। पिछले साल अप्रैल-जून में जीडीपी का कुल खर्च 3413997 करोड़ रुपए था।
ग्रोस वैल्यू एडेड की बात करें तो यह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मात्र 4.9 फीसदी रहा जो कि पिछले साल की समान अवधि में 7.7 फीसदी था। मैन्यूफैक्चरिंग के ग्रोथ में पहली तिमाही में काफी कम ग्रोथ रही।
इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा। हालांकि औद्योगिक संगठनों का कहना है कि सरकार की तरफ से आर्थिक तेजी लाने के लिए किए जाने वाले उपायों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में बढ़ोतरी का अनुमान है।