लखनऊ। फर्जी कंपनियों के नाम पर 110 करोड़ रुपये के बिल बनाकर 20 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की टीमों ने अलीगढ़, कानपुर और फिरोजाबाद में छापेमारी कर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। इस दौरान फर्मों से करीब दो करोड़ की नकदी मिली।
प्रमुख अपर महानिदेशक अजय दीक्षित, अपर निदेशक दिनेश कुमार के निर्देशन और डेप्युटी डायरेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में 50 सदस्यीय टीम ने अलीगढ़, फिरोजाबाद और कानपुर के 11 ठिकानों पर छापा मारा। डीजीजीआई की टीमों ने 24 घंटे के दौरान अलीगढ़ की एलडी गोयल स्टील प्राइवेट लिमिटेड, बालाजी कॉनकास्ट प्राइवेट लिमिटेड, मनकामेश्वर स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड, कामदगिरि स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड और इनसे जुड़ी अन्य कंपनियों के ठिकानों पर दस्तावेज की पड़ताल की।
जांच में पता चला कि ये सभी कंपनियां कानपुर, ओडिशा, महाराष्ट्र और अलीगढ़ में कई फर्जी ट्रेडिंग कंपनियों के नाम पर बिल काटकर जीएसटी व इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की चोरी कर रही थीं। ओडिशा की जिन फर्मों के नाम पर बिल काटकर फर्जीवाड़ा हो रहा था, उन्हें कुछ माह पहले ही पकड़ा गया था।
डीजीजीआई को यहीं से अलीगढ़ में हो रही जालसाजी का सुराग मिला। शुरुआती जांच में 20 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की बात सामने आई है। कार्रवाई अभी जारी है। इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
जमा करवाए 2 करोड़ रुपये
डेप्युटी डायरेक्टर कमलेश कुमार ने बताया कि ये कंपनियां जालसाजी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट की इनवाइस काट रही थीं ताकि कम कैश देना पड़े। फर्जी कंपनियों से जुड़े बैंक खातों में आरटीजीएस से रकम ट्रांसफर की जाती थी, फिर उसे निकाल लिया जाता था। डीजीजीआई ने टॉल, ट्रांसपोर्टर की बिल्टी समेत अन्य दस्तावेज की पड़ताल कर फर्जीवाड़ा पकड़ा। अलीगढ़ की फर्मों से मौके पर ही टीम ने टैक्स चोरी के दो करोड़ रुपये जमा करवाए।