नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में सभी किसानों के लिए फसल बीमा स्वैच्छिक बनाने, ऊंचे प्रीमियम वाली फसलों को हटाने, राज्यों को प्रोडक्ट्स जोड़ने की छूट देने सहित कई ऐलान हो सकते हैं। दरअसल सरकार पीएमएफबीवाई में ऐसे ही कई बदलाव करने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने राज्य स्तरीय कॉर्पस फंड बनाने और बचत को एक राष्ट्रीय स्तर के इन्श्योरेंस रिस्क पूल में शिफ्ट करने का प्रस्ताव किया, जिससे लोगों की धारणा तोड़ी जा सके कि बीमा कंपनियां इस योजना से पैसा बना रही हैं।
तय होगी प्रीमियम की सीलिंग
अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर फसल का सिंचित क्षेत्र 50 फीसदी से ज्यादा है तो इसके लिए योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए 25 फीसदी प्रीमियम सीलिंग का भी सुझाव दिया है। साथ ही यदि फसल का सिंचित क्षेत्र 50 फीसदी से कम है तो प्रीमियम सीलिंग 30 फीसदी रखने का सुझाव दिया गया है।
प्रीमियम की यह होगी रेट
अप्रैल, 2016 में लॉन्च पीएमएफबीवाई में गैर रोकथाम वाले प्राकृतिक जोखिम के लिए खरीफ फसलों को 2 फीसदी, रबी फसलों को 1.5 फीसदी और औद्यानिकी व वाणिज्यिक फसलों को 5 फीसदी के प्रीमियम पर बुआई पूर्व और बुआई बाद की अवधि के लिए व्यापक बीमा योजना उपलब्ध कराई जाती है।
कई बदलावों का प्रस्ताव, राज्य सरकारों से मांगे विचार
अधिकारी ने बताया, ‘पीएमएफबीवाई को लागू हुए यह सातवां सीजन है। योजना के क्रियान्वयन के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं और मंत्रालय ने इन कमियों की पहचान की है और मंत्रालय ने कई बदलावों का प्रस्ताव किया है। साथ ही इस संबंध में राज्य सरकारों से विचार मांगे हैं।’