जयपुर। क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में 10,453 लोगों पर एक बैंक शाखा है जो औसत 47 वर्ग किलोमीटर के इलाके में सेवा देती है। राज्य का यह औसत राष्ट्रीय औसत के लगभग बराबर है। राज्य में सभी तरह के अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों की कुल संख्या दिसंबर 2018 में बढ़कर 7237 हो गयी जो दिसबर 2017 में 7143 थी।
रिजर्व बैंक के अनुसार देश में वाणिज्यिक बैंकों की संख्या (जून 2018 की स्थिति के अनुसार) 1.16 लाख है। इस हिसाब से औसतन प्रति 10,500 आबादी पर बैंक की एक शाखा बैठती है। राज्य की आर्थिक समीक्षा 2018-19 के अनुसार एक अक्तूबर 2018 को राज्य की अनुमानित जनसंख्या 756.50 लाख थी।
इस हिसाब से राजस्थान में एक बैंक शाखा औसतन 10,453 लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करती है और एक तरह से 47 वर्ग किलोमीटर के इलाके में ये सेवाएं उपलब्ध कराती है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है।
समीक्षा के अनुसार दिसंबर 2018 तक राज्य में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 1538 कार्यालय या शाखाएं, निजी बैंकों की 1143 शाखाएं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 4329 शाखाएं, लघु वित्तीय बैंकों की 221 शाखाएं या कार्यालय काम कर रही थीं। राज्य में विदेशी बैंकों की कुल छह ही शाखाएं या कार्यालय हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी सप्ताह यह आर्थिक समीक्षा विधानसभा में पेश की थी।
इसके अनुसार राज्य में सभी तरह के अधिसूचित बैंकों की कुल शाखाओं या कार्यालयों की संख्या की बात की जाए तो यह दिसंबर 2018 में 7237 थी। इसके अनुसार समूचे देश की बात की जाए तो यह संख्या 141200 है। समीक्षा में कहा गया है कि राज्य के आर्थिक विकास में वित्तीय संस्थान महत्वपूर्ण हैं जो जमाएं संग्रहण के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों को कर्ज वितरण में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
राज्य सरकार ने भी विभिन्न विकास कार्यक्रमों के लिए बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से धन लेना शुरू किया है लेकिन इस तरह के कर्ज का इस्तेमाल बेहतर ढंग से किया जाना जरूरी है ताकि उसका अधिकाधिक फायदा लोगों को मिले।