नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बार-बार कटौती के बाद भी इसका फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंचने की शिकायतों और मुनाफाखोरी रोकने के लिए सरकार ने अब नया प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत जीएसटी अधिकारी खुद ग्राहक बनकर दुकानों पर जाएंगे और यह पता लगाएंगे कि लोगों को टैक्स कटौती का लाभ मिल रहा है या नहीं। यदि कहीं पर मुनाफाखोरी का सबूत मिलता तो उस दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
इस प्लान के तहत आने वाले दिनों में जीएसटी कमिश्नर अपने-अपने क्षेत्र में 20 बड़े बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) सप्लायर्स की पहचान करेंगे। इसके बाद इन सप्लायर्स की इनवॉयस की जांच की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि कर की दरों में कटौती का लाभ आगे दिया जा रहा है या नहीं। इसके अलावा कमिश्नर को अपने क्षेत्र में मुनाफाखोरी रोधी विशेष सेल बनाने की भी अनुमति होगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब जीएसटी काउंसिल ने मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के कार्यकाल में बढ़ोतरी कर दी है।
मुनाफाखोरी मिलने पर दर्ज होगा मुकदमा
जीएसटी अधिकारी सामानों पर लगी एमआरपी स्टिकर की जांच भी करेंगे। यदि कहीं पर मुनाफाखोरी के सबूत मिलते हैं तो अधिकारी एक माह के अंदर राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के पास शिकायत दर्ज कराएंगे। जीएसटी अधिकारी कीमतों में बदलाव, टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता, मॉक परचेज, एमआरपी स्टिकर की जांच आदि डाटा जुटाएंगे।