कोटा। गणिनी आर्यिका 105 विशुद्धमति माताजी स्वर्णिम दीक्षा जयंती महोत्सव समिति की ओर से गुरूवार को विशुद्ध सभागार तलवंडी में विशुद्धमति माताजी की विनयांजलि सभा के द्वारा विदाई दी गई। इस अवसर पर भक्तों की आंखों में आंसू देखे गए।
भक्तों ने माताजी के जयकारों के साथ ही वंदामि माताजी के उद्घोष से मंदिर भवन गूंजा दिया। समिति के गौरवाध्यक्ष जेके जैन ने बताया कि विनयांजलि सभा के बाद विशुद्धमति ने जैन मंदिर तलवंडी से विहार किया। इस दौरान समाज की महिलाओं के द्वारा माताजी के प्रति विनयांजलि प्रस्तुत की गई तथा माताजी के आशीर्वचन प्राप्त हुए। आर्यिका गणिनी 105 विशुद्धमति माताजी ने प्रवचन करते हुए कहा कि समाज की एकजुटता और अथक परिश्रम से समाज ने पूरे देश में अद्भुद आयाम स्थापित किए हैं।
यदि कोई कार्य निस्वार्थ और परिश्रमपूर्वक किया जाता है तो उसके ऐसे ही अद्भुद परिणाम सामने आते हैं। समाज को सेवा कार्य करते हुए हर व्यक्ति की चिंता करनी चाहिए। कोटा के समाज ने धार्मिक सहभागिता दिखाई है। साधु संन्तों की सेवा का प्रतिफल सम्पूर्ण वातावरण को मिलता है। कोटा में भी जैन समाज ने अपनी सहभागिता से आध्यात्मिक माहौल को बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस माहौल को आगे भी बनाए रखना होगा।
जेके जैन ने कहा कि माताजी के कोटा में प्रवास के दौरान कईं आयाम स्थापित हुए हैं। कोटा में पहली बार किसी साधु और श्रमणी आर्यिका को एक दर्जन से अधिक उपाधियों से अलंकृत किया गया है। विशुद्धमति माताजी गुरूवार को गाजे बाजे के साथ विज्ञान नगर जैन समिति के लिए विहार कर गईं। इस दौरान माताजी का जगह जगह पाद प्रक्षालन किया गया तथा आरती की गई।
माताजी ससंघ शुक्रवार को अग्रवाल जैन मंदिर शास्त्री मार्केट रामपुरा के लिए विहार करेंगी। संचालन महेश सेठी ने किया। इस अवसर पर गौरवाध्यक्ष जेके जैन, सुरेश चंदवाड़, भागचंद लुहाड़िया, राजमल पाटौदी, विनोद टोरड़ी, अशोक पहाड़िया, नरेन्द्र खटोड़, निशा बैद, अनिला झांझरी, वंदना बड़जात्या समेत सकल समाज के पदाधिकारी, महिला प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ, सोशल ग्रुप समेत कईं श्रेष्ठीजन उपस्थित रहे।