नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और देश की प्रमुख कंपनियों के पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों से तय होगी। हालांकि, सप्ताह के आरंभ में तेजी का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
पिछले सप्ताह के अंत में अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र में नौकरियों में इजाफा होने के आंकड़े आने के बाद बाजार में तेजी देखने को मिली, जिसका असर इस सप्ताह भारतीय बाजार पर दिख सकता है। हालांकि घरेलू बाजार की दिशा तय करने में डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव भी भूमिका निभाएगा।
पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी देखने को मिली। अमेरिकी श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में गैर-कृषि क्षेत्र की नौकरियों में 1,96,000 का इजाफा हुआ। इस आंकड़े के जारी होने पर अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली।
चुनावी माहौल का भी दिखेगा असर
इसके अलावा, देश के चुनावी माहौल का भी शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। देश में लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए सात चरणों में होने वाले मतदान के पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा।
बाजार की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और देसी संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझानों पर भी होगी, जिससे बाजार की चाल तय होगी। सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी हो सकते हैं। इसके अलावा महंगाई दर के भी आंकड़े शुक्रवार को ही जारी होने की संभावना है।
इंफोसिस और टीसीएस के नतीजे भी आएंगे
देश की प्रमुख कंपनियां इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज भी वित्त वर्ष 2018-19 की आखिरी तिमाही के अपने नतीजे घोषित कर सकती हैं। उधर, यूरोपियन सेंट्रल बैंक ब्याज दर निर्धारण को लेकर अपना फैसला बुधवार को जारी कर सकता है। वहीं, ब्रेक्सिट को लेकर बनी असमंजस की स्थिति का भी दुनियाभर के शेयर बाजारों पर असर देखने को मिल सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित होगा।