नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीसटी) के लागू होने में 2 हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। सरकार इसे हर हाल में 1 जुलाई से लागू करने की तैयारी में है, लेकिन इस बीच उद्योग संगठन एसोचैम ने शनिवार को दो टूक कहा कि नई कर प्रणाली के लिए अभी होमवर्क पूरा नहीं हुआ है। एसोचैम ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक लेटर लिखकर वस्तु एवं सेवा कर (जीसटी) के क्रियान्वयन को टालने का अनुरोध किया है।
इस लेटर में एसोचैम ने लिखा है कि आईटी नेटवर्क के तैयार न होने की वजह से करदाताओं को जीएसटी से जुड़ने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। एसोचैम के मुताबिक वर्तमान कर व्यवस्था से जुड़े बहुत से लोग अभी तक आईटी टूल्स और पंजीकरण प्रक्रिया से अनजान होने की वजह से जीएसटी नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए हैं।
इस उद्योग संगठन ने कहा है कि पंजीकरण प्रक्रिया के पहले चरण में करदाताओं के जीएसटी नेटवर्क से जुड़ने के दौरान सिस्टम-सर्वर लगातार मरम्मत से गुजरता रहा। एसोचैम के सेक्रटरी जनरल ने कहा ‘इससे कई बड़े सवाल खड़े होते हैं जैसे कि क्या आईटी ढांचे को सही तरीके से जांचा गया था? इसके अलावा यह सवाल भी उठता है कि क्या यह सिस्टम आगामी समय में सुचारू रूप से काम कर पाएगा?’
बता दें कि देश में 80 लाख लोग उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट का भुगतान करते हैं। इसमें से 64.35 लाख लोग ही अब तक जीएसटी नेटवर्क से जुड़े हैं। गौरतलब है कि जीएसटी नेटवर्क ही जीएसटी प्रणाली के लिए आईटी आधार उपलब्ध कराएगा। जीएसटी नेटवर्क से जुड़ने की प्रक्रिया का पहला चरण बीते 1 जून से शुरू होकर और 15 जून को बंद हुआ।
हालांकि जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने अब तक पंजीकरण नहीं करा पाए लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा था कि कर विभाग उन्हें जीएसटी व्यवस्था से जोड़ने के लिए विकल्प उपलब्ध कराने को बाध्य है। उन्होंने कहा था कि व्यापारियों को भी आगे आना चाहिए और आवेदन फॉर्म भरकर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
इसके अलावा कुमार ने कहा था, ‘जो भी जीएसटी नेटवर्क से जुड़कर कारोबार करना चाहता है, हम उसे 15 जून के बाद भी जोड़ने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। जो कोई भी रह गए हैं, वे 25 जून से आवेदन कर सकते हैं और जीएसटी नेटवर्क से जुड़ सकते हैं।’इससे पहले बीते मंगलवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि जीएसटी 1 जुलाई से ही लागू होगा और इसकी तैयारियों जोर-शोर से चल रही हैं।