कल से उग्र होगा किसान आंदोलन, मंडियां बंद की चेतावनी

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कोटा। फसलों की बाजार में अच्छी कीमतें तय हों और किसानों की समस्याओं का निदान की  मांगों को लेकर सड़क पर उतरे किसानों ने 19 जून से उग्र आंदोलन करने का बिगुल बजा दिया है।  वहीँ वहीँ संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने चल रहे महापड़ाव में मानव विकास भवन से रैली निकालते हुए बूंदी जिले के सैकड़ों किसान के सीएडी सर्किल पर पहुंचने पर  सड़कें जाम हो गई। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।

प्रदेश सह महामंत्री जगदीश शर्मा ने बताया कि महापड़ाव के अंतिम दिन हाड़ौती के किसान संघ के प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई गई है। उसके बाद प्रदेश समेत संभाग के गांवों और कस्बों को बंद रखा जाएगा। 20 से 27 जून के बीच हाड़ौती अंचल की सभी कृषि उपज मंडियों को बंद कराया जाएगा। इसकी साथ संघ सरकार की नींद उड़ाने का कार्यक्रम शुरू करेगा। संभाग में कहीं पर भी सड़क जाम करेगा।

सरकार कृषि नीति बनाने को तैयार नहीं

महापड़ाव को संबोधित करते हुए चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष मोहनलाल नागर ने कहा कि देश में शिक्षा, उद्योग नीति बनी हुई है। लेकिन किसान संघ की मांग मानते हुए केंद्र सरकार संसद में तीन दिन का विशेष सत्र बुलाकर कृषि नीति बनाने को तैयार नहीं है।

राज्य सरकार भी विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर कृषि आयोग नहीं बना रही है। जिसकी देश को जरूरत है। प्रदेश उपाध्यक्ष रामनाथ मालव ने महापड़ाव में उपस्थित किसानों को संबोधित कर कहा लहसुन के किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलने से उन्हें प्रति बीघा 15000 हजार का नुकसान हो रहा है।