IDBI Bank के निजीकरण के विरोध में 30 मार्च को भूख हड़ताल करेंगे कर्मचारी

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आईडीबीआई बैंक को प्राइवेट बैंक का दर्जा देने के बाद बैंक के कर्मचारी इसके खिलाफ हो गए हैं। आईडीबीआई बैंक के कर्मचारियों ने वेतन और सेवा की सुरक्षा के साथ दूसरे राष्ट्रीयकृत बैंक में शिफ्ट करने की मांग की है।

बैंक का निजीकरण करने के विरोध में दी ऑल इंडिया आईडीबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIIDBIOA) ने एक दिवसीय भूख हड़ताल का ऐलान किया है। AIIDBIOA के सचिव एवी विट्ठल की ओर से बैंकिंग सचिव राजीव कुमार, रीजनल लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) और चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) को भेजे गए पत्र में 30 मार्च को भूख हड़ताल करने की बात कही गई है।

इस पत्र में विट्ठल ने RBI की ओर से बैंक को री-कैटिराइज करने पर चिंता जताई गई है। पत्र में AIIDBIOA ने सरकार, बैंक और एसोसिएशन के बीच एक एमओयू साइन करने की मांग की गई है। यह एमओयू बैंक में काम कर रहे मौजूद कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति तक सेवा शर्तों और सुविधाओं को लेकर होगा।

ये भी हैं कर्मचारियों की मांगें
पत्र में कर्मचारियों ने ट्रांसफर को लेकर आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए IDBI Bank के बीच AIIDBIOA एक द्विपक्षीय समझौता करने की मांग रखी है। साथ ही एसोसिएशन ने तेजी से बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) और विशाल बट्टे खाते को देखते हुए जवाबदेही तय करने की मांग रखी है।

आपको बता दें कि दिसंबर 2018 तक बैंक का एनपीए बढ़कर 29.67 फीसदी तक पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में बैंक का बैड लोन के रूप में 4185.48 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है।

इसलिए मिला प्राइवेट बैंक का दर्जा
दरअसल भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ओर से IDBI बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के कारण RBI ने इसका निजी क्षेत्र के बैंक की श्रेणी में रख दिया है। LIC की ओर से IDBI बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया जनवरी में पूरी हुई है। RBI ने 21 जनवरी 2019 से IDBI बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक का दर्जा दिया है।

इसके अलावा खराब परफॉर्मेंस के कारण IDBI बैंक को RBI ने तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई यानी prompt corrective action (PCA) के फ्रेमवर्क में डाल दिया है। इस कारण बैंक पर नए कर्ज देने, नई शाखा खोलने, वेतन में बढ़ोतरी न करने जैसे प्रतिबंध लग गए हैं।