शादी में उतार-चढ़ाव आते हैं, रिश्ते निभाना सीखें: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। देश की अदालतें कई बार पारिवारिक विवाद निपटाने के लिए बहुत व्यावहारिक सलाह भी देती हैं। अमेरिका में रहनेवाले दंपती की बच्चों की कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने दंपती से आपसी समझौते से मामले को निपटाने की सलाह देते हुए कहा कि वैवाहिक जीवन के उतार-चढ़ाव को निभाने की क्षमता पैदा करनी चाहिए।

कोर्ट ने अमेरिकी ग्रीन कार्ड धारक महिला को बच्चों के साथ वापस अमेरिका लौटने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो यूएस मिशन बच्चों को अपने संरक्षण में ले लेगा। जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘पति-पत्नी हर रिश्ते में होनेवाले तात्कालिक झगड़ों से बाहर निकल जाते हैं, न कि त्वरित भावनाओं के ज्वार में आकर इसे और बढ़ाते हैं।

पैरंट्स सिर्फ बच्चों के केयरटेकर नहीं होते हैं, लेकिन बच्चों की सामाजिकता के विकास, भावनात्मकता, समझ-बूझ और शारीरिक देखभाल का भी महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इसके लिए पैरंट्स को आपसी सहयोग के जरिए खुशहाल घर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।’

NRI महिला को बच्चों के साथ अमेरिका लौटने का निर्देश
बेंच अमेरिका में रहनेवाले एनआरआई कपल के तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी मामले की सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने महिला को दोनों बच्चों के साथ अमेरिका लौटने का निर्देश दिया। दोनों ही अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन तलाक विवाद के बाद महिला बच्चों को लेकर भारत आ गई थीं।

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘तलाक और कस्टडी का संघर्ष दलदल में फंसने की तरह है। मासूम बच्चे इस संघर्ष से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और इसे देखना दर्दनाक अनुभव है। बच्चे पैरंट्स की होनेवाली कानूनी और मनौवैज्ञानिक लड़ाई में बुरी तरह फंस जाते हैं।’

इस केस में अमेरिका में रहनेवाले पति-पत्नी दोनों ग्रीन कार्ड होल्डर्स हैं। अपने 7 साल के बेटे और 5 साल की बेटी की कस्टडी का विवाद 2016 से चल रहा है। अमेरिका में कोर्ट में मामला दायर रहने के दौरान ही महिला अपने बच्चों के साथ भारत लौट आई थी। 2017 में भारत लौटने के बाद से महिला ने अमेरिका जाने से इनकार कर दिया था।