कोटा । राजस्थान एवं मध्यप्रेदश में उत्पादन घटने से इस बार धनिया 7000 रुपये क्विंटल तक बिकने का अनुमान है। वहीँ लहसुन का भी रकबा कम रहने से भाव 5000 रुपये क्विंटल से ऊपर रह सकते हैं। धनिए पर रविवार को हुई नेशनल सेमिनार में कमोडिटी एक्सपर्ट ने यह जानकारी दी।
उनका कहना था कि राजस्थान व मध्यप्रदेश में धनिए की बुआई काफी कम हुई है। मध्य प्रदेश में 30-50 फीसदी तक गिरावट आई है। हाड़ौती में 15 से 20 फीसदी तक गिरावट आई है। पुराना स्टॉक भी ज्यादा नहीं बचा। इससे धनिए के दाम ऊंचे ही रहेंगे। धनिया 60 से 70 रुपए किलो तक बिक सकता है। जबकि पिछली बार केवल 42 रुपए किलो तक ही बिका था। क्योंकि नया धनिया अभी 55 से 58 रुपए किलो बिक रहा है।
उनका कहना था कि ऐसा ही हाल लहसुन में होने वाला है। नया लहसुन 34 रुपए किलो बिक रहा है। हाड़ौती में 85 हजार किसानों ने लहुसन की खेती की है। करीब 1 लाख 65 हजार किसानों ने धनिए की बुआई की है। संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. रामावतार शर्मा ने बताया कि इस साल धनिए, लहसुन में भाव अच्छे मिलेंगे। धनिए में करीब 16 हजार हैक्टेयर कम बुआई हुई है। पिछले साल 1.15 लाख हैक्टेयर में बुआई थी। जबकि इस साल 98 हजार हैक्टेयर में ही बुआई हुई है।
पिछली बार 1.39 लाख मीट्रिक टन उत्पादन था, जो इस साल घटकर 1.14 लाख मीट्रिक टन रहने वाला है। लहसुन पिछले साल 1.12 लाख हैक्टेयर में बाेया था, इससे 6 लाख 37 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस साल 67 हजार हैक्टेयर में बुआई हुई है और उत्पादन संभावित 3 लाख 85 हजार मीट्रिक टन होने वाला है। जबकि डिमांड काफी ज्यादा होगी।
इस बार क्वालिटी भी अच्छी आ रही है, क्योंकि नया लहसुन मंडी में 34 रुपए किलो बिक रहा है। इसकी वजह से लहसुन 50 रुपए किलो तक भी जा सकता है। धनिए में पिछली बार 80 लाख 40 किलो बोरी स्टॉक था। इस बार इतना नहीं है तो डिमांड पूरी करने के लिए रेट बढेंग़े।
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर पीके गुप्ता ने बताया कि इस बार मौसम अच्छा होने से लहसुन व धनिए की फसल की क्वालिटी ज्यादा अच्छी हुई है। लहसुन का रकबा काफी कम है और मध्य प्रदेश में धनिए की फसल का रकबा आधा रह गया है। इसलिए दोनों फसलों की डिमांड काफी ज्यादा रहेगी। इसकी वजह से लहसुन व धनिए के दाम काफी अच्छे रहेंगे।
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