अप्रैल से मिलेंगे सस्ते घर, किफायती खरीदारी पर होगी 5.82 लाख की बचत

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नई दिल्‍ली। घर खरीदने के लिए बीते एक दशक के बाद सबसे सुनहरा मौका 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। ऐसा जीएसटी काउंसिंल के अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट और सस्ते घरों पर जीएसटी घटाने के फैसले से होगा। अगर आप आशियना का सपना पूरा करना चाहते हैं तो अब देर मत कीजिए। घर का सपना पूरा करने का माकूल वक्‍त आपका इंतजार कर रहा है।

इसलिए आप अपने बजट के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रॉपर्टी सर्च करना शुरू दें। फिर डेवलपर, प्रोजेक्‍ट की साइट, कीमत आदि के बीच तुलना करें। अगर आप एक अप्रैल के बाद प्रॉपर्टी देखना शुरू करेंगे तो हो सकता है कि आपको दो-तीन महीने का वक्‍त लग जाए और तब तक कीमत में भी इजाफा हो जाए।

इंतजार करने पर हो सकता है नुकसान
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव के अनुसार, अगले 24 दिन के बाद जरूर घर खरीदने का सबसे बेहतर वक्‍त आ रहा है लेकिन इसके बाद भी इंतजार करने की सोच रहे हैं तो ऐसा न करें। दरअसल, अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैटों पर मौजूदा 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी करने की पहल से रियल एस्टेट सेक्टर पर टैक्स का बोझ तो घटेगा, लेकिन डेवलपर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।

इसके चलते कच्चे माल और सर्विसेज की लागत पर चुकाए गए टैक्स का क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे डेवलपर्स की कंस्‍ट्रक्‍शन लागत बढ़ेगी। हो सकता है कि डेवलपर्स अगले कुछ महीनों तक कीमतों में इजाफा नहीं करें लेकिन जैसे ही अनसोल्‍ड इनवेंट्री की संख्‍या कम होगी, प्रॉपर्टी की कीमतें में इजाफा होगा। ऐसे में अगर कोई खरीदारी आगे भी इंतजार करने की सोच रहा है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।उसकी अधिक कीमत चुकाना पड़ सकता है।

45 लाख कीमत के मकान पर 5.82 लाख की बचत
पहली बार घर खरीदने का सुनहरा मौका कैसे है इसको इस तरह समझ सकते हैं। अगर आप पहली बार घर अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट में फ्लैट खरीद रहे हैं तो अभी तक 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करना होता है। वहीं एक अप्रैल से यह दर घटकर 5 फीसदी हो जाएगी।

यानी जीएसटी में 7 फीसदी की कमी। इसके चलते 45 लाख रुपए की प्रॉपर्टी पर 3.15 लाख रुपए की सीधे बचत होगी। अगर आप पहली दफा घर खरीदने जा रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत होम लोन पर 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह कुल 5.82 लाख रुपए की बचत होगी।

किफायती घर खरीदना और आसान
देश में घरों की कमी को दूर करने के लिए किफायती घरों की परिभाषा भी बदली गई है। मेट्रो शहर में 60 वर्ग मीटर (करीब 650 वर्ग फीट) के घर फिफायती श्रेणी में जबकि नॉन-मेट्रो शहरों में यह आकार 90 वर्ग मीटर (970 वर्ग फीट) कर दिया गया है। शर्त यह है मकान की कीमत 45 लाख रुपए तक हो।

इसका मतलब यह हुआ कि 45 लाख रुपए तक के मकान किफायती श्रेणी में आएंगे।इस मकान पर मात्र 1 फीसदी की दर से जीएसटी देना होगा। यानी अगर आप पहली बार घर खरीद रहें तो सिर्फ एक फीसदी जीएसटी देकर आप घर खरीद सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन पर सब्सिडी भी ले सकते हैं। सस्ते घरों पर जीएसटी घटाने का सकारात्मक असर होगा। इससे मांग और आपूर्ति के बीच अंतर में कमी आएगी।