नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के समधी अजय पीरामल की कंपनी पीरामल एंटरप्राइजेज को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पीरामल इंडस्ट्रीज की फेमस पेन रिलीफ टैबलेट सेरिडॉन को फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (FDC) की सूची से हटाने का फैसला सुनाया है। रेगुलेटरी को दी जानकारी में पीरामल एंटरप्राइजेज ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके ऐतिहासिक हेल्थकेयर प्रोडक्ट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सेरिडॉन को प्रतिबंधित लिस्ट से हटा दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 सितंबर 2018 को 349 FDC दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने की सूचना जारी की थी। यह प्रतिबंध 7 सितंबर 2018 से लागू हो गया था। इन FDC दवाओं में पीरामल एंटरप्राइजेज की Saridon टैबलेट भी शामिल थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिबंध के खिलाफ पीरामल इंटरप्राइजेज और दूसरी कंपनी सुप्रीम कोर्ट चली गई थीं। तब सुप्रीम कोर्ट ने पीरामल हेल्थकेयर की सेरिडॉन, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की प्रीटोन, जग्गट फार्मा की डार्ट और एक अन्य दवा पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने Saridon को FDC लिस्ट से पूरी तरह से हटा दिया है।
कानून पर था भरोसा: नंदिनी पीरामल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीरामल एंटरप्राइजेज की कार्यकारी निदेशक नंदिनी पीरामल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले यह सिद्ध होता है कि हम भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने और सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल के लिए के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमें कानून पर पूरा भरोसा था।
पीरामल का 2050 करोड़ रुपए का है टैबलेट कारोबार
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में दर्द निवारक दवाओं का कुल बाजार 6450 करोड़ रुपए का है। इसमें 2050 करोड़ रुपए के बाजार पर पीरामल एंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी है। Saridon की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक सेकेंड में पूरे देश में 31 टैबलेट बेची जाती हैं। पीरामल एंटरप्राइजेज 9 लाख आउटलेट्स के जरिए Saridon की बिक्री करती है।
क्या होती हैं FDC दवाएं
FDC दवाएं वे होती हैं जो दो या उससे अधिक दवाओं के संयोजन से बनी हुई होती हैं। इन दवाओं को डॉक्टर के पर्चे के बिना किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है।