नई दिल्ली। भारत ने पुलवामा हमले के बाद तमाम कृटनीतिक मोर्चों पर पाकिस्तान को घेरने के साथ ही उसकी आर्थिक घेराबंदी भी शुरू कर दी है। शुक्रवार को पड़ोसी देश का ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)’ का दर्जा खत्म करने के बाद शनिवार को वहां से होने वाले तकरीबन 3400 करोड़ रुपये के सामानों के आयात पर भी 200 फीसदी का भारी-भरकम शुल्क थोप दिया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तत्काल प्रभाव से यह शुल्क वृद्धि लागू किए जाने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से एमएफएन दर्जा वापस ले लिया है। इसके चलते पाकिस्तान से भारत निर्यात किए जाने वाले सभी उत्पादों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में तत्काल प्रभाव से 200 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत अभी कई उत्पादों के व्यापार को पूरी तरह प्रतिबंधित भी करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि भारत ने शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा अपवाद नियम के तहत पाकिस्तान का एमएफएन दर्जा खत्म कर दिया था। भारत की तरफ से 1996 में पाकिस्तान को यह दर्जा देकर बेसिक कस्टम ड्यूटी में अभी तक भारी छूट दी जा रही थी।
पड़ोसी देश को झटका
- 2017-18 में तकरीबन 3482.3 करोड़ रुपये का निर्यात किया था पाकिस्तान ने भारत को
- सबसे ज्यादा आयात किए जाने वाले फलों पर 30 से 50 फीसदी और सीमेंट पर 7.5 फीसदी था अभी शुल्क
- 200 फीसदी शुल्क बढ़ोतरी के बाद इनके दाम हो जाएंगे अब भारतीय फलों व सीमेंट के मुकाबले बेहद महंगे
- महंगे होने से भारत में नहीं रहेगी इनकी मांग, जिससे हमारे देश से पाकिस्तान की आय का यह जरिया बंद हो जाएगा
पाकिस्तान से आने वाले उत्पाद
ताजे फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, थोक खनिज व अयस्क, तैयार चमड़ा, संसाधित खनिज, ड्राई फ्रूट्स,इनऑर्गेनिक कैमिकल, कच्ची कपास, मसाले, ऊन, रबर उत्पाद, एल्कोहल पेय, मेडिकल उपकरण, समुद्री उत्पाद, प्लास्टिक, रंगाई की डाई और खेल उत्पाद।
भारत से जाने वाले उत्पाद
चीनी, कच्ची कपास, सूती धागा, कैमिकल, प्लास्टिक, हस्तनिर्मित धागा और रंगाई की डाई।