कोटा। शहर में शुक्रवार सुबह एसीबी की बूंदी टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यूआईटी में भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व अध्यक्ष रामकुमार मेहता को उनके तलवंडी आवास के बाहर पार्क में घूमते हुए हिरासत में लिया। बाद में एसीबी ने उन्हें बूंदी ले जाकर गिरफ्तार किया।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि कोटा के गांव नांता स्थित खातेदार खेमचंद माली व अन्य की 3.33 हैक्टेयर भूमि को नगर विकास न्यास कोटा द्वारा मोहनलाल सुखाडिय़ा आवास योजना के लिए दो चरणों में अवाप्त किया गया था।
यह भूमि महेश कुमार मेघानी व अन्य द्वारा मूल खातेदारों से विक्रय पत्र के जरिए राजस्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा ली और मुआवजे में विकसित भूमि लेने के लिए नगर विकास न्यास कोटा में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिसे तत्कालीन अध्यक्ष रामकुमार मेहता ने न्यास की बैठक में प्रस्ताव बनवा कर जयपुर मुख्यालय भिजवा दिया।
मेहता ने महेश कुमार मेघानी को अपने परिचित दलाल कंवलजीत सिंह से मिलवाया। कंवलजीत के सचिवालय में उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध थे। नान्ता स्थित जमीन का नगर विकास न्यास कोटा स्तर से ही निर्णय लिए जाने के आदेश करवाने की ऐवज में कंवलजीत सिंह ने मेघानी से 20 लाख रुपए में सौदा तय किया।
सौदे के मुताबिक, 5 लाख रुपए महेश मेघानी से कमलजीत सिंह को दिलवाए। उसके बाद 10 लाख रुपए रामकुमार मेहता व कंवलजीत सिंह के कहे अनुसार कंवलजीत सिंह के खातों में जमा करवाए। शेष 5 लाख रामकुमार मेहता के घर पर मेघानी देकर आया।
सौदे में पूर्व अध्यक्ष मेहता द्वारा 5 लाख रुपए प्राप्त करना पाया गया। एसीबी ने मेहता समेत दलालों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था। कॉल रिकॉर्डिंग में महेश मेघानी, रामकुमार मेहता व कमलजीत सिंह के बीच लगातार रुपयों के लेन-देन की बात हुई।
अचानक बदल गई दी किस्मत
भाजपा नेता मेहता के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी करीबी सम्पर्क हैं। इससे पहले मेहता एलआईसी अधिकारी थे लेकिन राजनेताओं से संबंध के कारण कई वरिष्ठ पादाधिकारियों को रेस में पीछे छोड़ उन्हें यूआईटी चैयरमेन की कुर्सी मिली थी। मेहता की गिरफ्तारी को लेकर बीते छह माह से अटकलें थीं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार बदलते ही मेहता की गिरफ्तारी हो गई।
दो दलाल गिरफ्तार, फिलहाल जमानत पर
प्रकरण में 4 जुलाई 2018 को आरोपी महेश कुमार मेघानी व कंवलजीत सिंह की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है। जो वर्तमान में जमानत पर है।