नई दिल्ली।बजट में आज 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर पूरी तरह से टैक्स छूट के ऐलान ने मिडिल क्लास को कुछ देर के लिए चक्कर में डाल दिया। बाद में असली पिक्चर सामने आने पर 5 लाख से ज्यादा टैक्सेबल इनकम वालों के चेहरे लटक गए। दरअसल अंतरिम बजट में 5 लाख तक टैक्सेबल इनकम ही टैक्स फ्री की गई है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मतलब अब तस्वीर यह है कि अगर आपकी टैक्सेबल इनकम (सारे डिडक्शन के बाद) 5 लाख से ज्यादा है, तो आपको मौजूद टैक्स स्लैब के हिसाब से ही टैक्स चुकाना होगा। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के बाद यह बात क्लियर की और ऐसा क्यों किया, इसकी वजह भी बताई। बजट में मिडिल क्लास के लिए एक छूट की छोटी से बूंद स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिए आई है, जिसे 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है।
इससे उनको रिफंड के लिए टैक्स विभाग के पास जाना होता। इस सब असुविधा से बचाने के लिए 3 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को यह लाभ दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि जिसकी भी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, वह इस छूट का हकदार होगा।
ऐसे समझें : वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम के सभी लोग टैक्स के दायरे से बाहर निकल जाएंगे। उन्होंने इसे समझाते हुए कहा कि इनकम टैक्स ऐक्ट में घोषित डिडक्शन के बाद टैक्सेबल इनकम की गणना होती है।
अगर किसी ने डेढ़ लाख रुपये पीएफ आदि में डालें हों, घर खरीदने पर 2 लाख का ब्याज दिया हो, मेडिक्लेम आदि डिडक्शन क्लेम किया हो, तो इसके बाद जिनकी इनकम पांच लाख से कम आती है, उन पर टैक्स का बोझ नहीं पडे़गा। छोटे व्यापारी, सैलरीड क्लास, पेंशनर्स फायदे में रहेंगे। (समझने के लिए देखिये वीडियो )
पांच लाख से ज्यादा इनकम वालों के लिए क्या?
वित्त मंत्री ने कहा, ‘जिनकी इनकम पांच लाख से ज्यादा है, उनके लिए जो पुराना टैक्स स्लैब है, उसे जारी रखा गया है। उसके ऊपर जब मेन बजट आएगा, तब विचार किया जाएगा। अभी के अंतरिम बजट में इसे शामिल नहीं किया गया है।
पांच लाख से ज्यादा आय वालों के लिए बस 10 हजार की छूट
इस बजट में मिडल क्लास के पल्ले सिर्फ 10 हजार की सीधी छूट आई है। पांच लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार था, जिसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस छूट के बाद कोई 5 लाख से नीचे आता है, तो उसे भी लाभ मिलेगा।