मुंबई। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने ब्रॉडकास्टर्स और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स (केबल और डीटीएच कंपनियां) को 1 फरवरी से टीवी चैनलों की नई दरों को हर हाल में लागू करने का निर्देश दिया है। इनके साथ मंगलवार को ट्राई चेयरमैन आर एस शर्मा की दो घंटे की मीटिंग हुई, जिसमें उन्होंने यह निर्देश दिया।
शर्मा ने इन कंपनियों के मालिकों और सीईओ की मीटिंग बुलाई थी ताकि इस बारे में अब तक हुई प्रोग्रेस की अपडेट ली जाए और आगे का रास्ता तय हो सके। इस मीटिंग में शामिल हुए एक एग्जिक्यूटिव ने बताया कि अब तक की प्रोग्रेस से शर्मा खुश हैं, लेकिन उन्होंने कंपनियों से हर हाल में डेडलाइन पर अमल का निर्देश दिया है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘चेयरमैन ने साफ-साफ कहा कि कंपनियां रेगुलेटर के निर्देश को गंभीरता से लें। पिछली मीटिंग में सेक्रेटरी एस के गुप्ता ने चेतावनी दी थी कि अगर इन निर्देशों को लागू करने में कोताही हुई तो ट्राई दोषी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लाइसेंस भी रद्द कर सकता है।’ मीटिंग में शामिल एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (डीपीओ) माइग्रेशन के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘टाटा स्काई इकलौती कंपनी है, जो इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई का इंतजार कर रही है। उसने अभी तक ग्राहकों से संपर्क करना शुरू नहीं किया है। एयरटेल डिजिटल टीवी भी काफी पीछे चल रही है।’ इस शख्स ने बताया कि मीटिंग में शर्मा और कुछ अन्य कंपनियों ने बताया कि नए टैरिफ ऑर्डर को लागू करने में कैसे तेजी लाई जा सकती है।
ट्राई चेयरमैन ने कहा कि नई दरों की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। उन्होंने ब्रॉडकास्टर्स से कहा कि अगर नया टैरिफ ऑर्डर लागू नहीं होता तो डीपीओ चैनल को दिखाना बंद कर दें। ट्राई ने नए टैरिफ ऑर्डर को 29 दिसंबर को ही नोटिफाई कर दिया था। इस व्यवस्था में ग्राहकों को उन्हीं चैनलों के लिए पैसा देना होगा, जिन्हें वे देखना चाहेंगे।
रेगुलेटर ने कहा है कि हर चैनल को वही कीमत ऑफर करनी होगी, जो इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड में दी गई है। ब्रॉडकास्टर्स और डीपीओ को चैनलों का गुलदस्ता ऑफर करने की इजाजत दी गई है, लेकिन उन्हें इनकी कीमत पारदर्शी तरीके से बतानी होगी।