कोटा। भारत की अर्थव्यवस्था को चाइना से खतरा है। वह सस्ता माल हमारे देश में खफा कर यहां की अर्थव्यवस्था को चौपट करने में लगा है। जब बाहर से सस्ता माल भारत में आएगा तो यहां के महंगे उत्पाद कौन खरीदेगा। यह जानकारी रविवार को PF & GA of ICAI CMA के चेयरमैन सीएमए विजेंद्र शर्मा ने पत्रकार वार्ता में दी।
वे यहाँ लागत भवन में दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कॉस्ट अकॉउन्टेंट्स ऑफ़ इंडिया की कोटा शाखा की ओर से आयोजित कॉमर्स मेले में भाग लेने आये थे। उन्होंने बताया कि कॉस्ट अकाउंटिंग का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण रोल है।
इसके माध्यम से किसी भी उत्पाद की लागत को कम किया जा सकता है। जिसका उदाहरण है भारत में बनने वाली मिसाइलों की लागत एक मूवी बनाने की कॉस्ट से भी कम आना। उन्होने सुझाव दिया कि अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आयात कम से कम और निर्यात अधिक से अधिक होना चाहिए।
ICAI CMA के वाइस प्रेसिडेंट बलविंदर सिंह ने बताया कि दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कॉस्ट अकॉउन्टेंट्स ऑफ़ इंडिया एशिया का सबसे बड़ा इंस्टीट्यूट है. वर्ल्ड में इसका दूसरा स्थान हैं। किसी भी उत्पाद की सही कॉस्ट निकालने में कॉस्ट अकाउंटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके लिए 24 मानक तय किये गए हैं। जिनके आधार पर कॉस्ट निकली जाती है।
इसी का दूसरा पार्ट है मैनेजमेंट अकॉउंटेन्सी। कोई भी कम्पनी अपने उत्पाद को कितने में बेचे, जिससे कम्पनी को नुकसान भी नहीं हो और प्रॉफिट भी मिले। लागत को कम करना ही कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट का काम है। सीएमए के लिए जॉब अपोर्चिनिटी बहुत है। सीएमए क्वालीफाई होने के बाद अपना ऑफिस खोल सकता है।
कम्पनी में जॉब कर सकता है। सीएमए करने के बाद अभी तक हाईएस्ट पैकेज 18 लाख रुपये है और औसतन 7.50 लाख रुपये है। जीएसटी लागू होने के बाद रजिस्ट्रेशन से लेकर ऑडिट तक का काम मिल गया है। इसके अलावा वेल्युएशन, कॉस्ट केलकुलेट आदि।
कोटा चेप्टर के चेयरमैन सीएमए एसएन मित्तल ने पत्रकारों को बताया कि कोटा में कॉमर्स फैकल्टी के छात्रों के लिए पहली बार कॉमर्स मेले का आयोजन किया है। जिसमें यह बताया जायेगा कि कॉमर्स पढ़ने वाले छात्रों के लिए क्या-क्या स्कॉप हैं। समारोह के मुख्य अतिथि सांसद ओम बिरला होंगे।