नई दिल्ली।प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रैच्यूटी की समय-सीमा को समाप्त करके जितने दिन काम, उतने दिन के लिए ग्रैच्यूटी देने के फॉर्म्युले पर मुहर लग सकती है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। साथ ही, सरकार से ग्रैच्यूटी के लिए कार्यावधि की समय-सीमा समाप्त करने की मांग की है।
भारतीय मजदूर संघ का दबाव
बीएमएस ने सरकार से कहा कि कर्मचारियों के हितों को देखते हुए सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि कर्मचारी किसी संस्थान या किसी कंपनी में जितने दिन, महीने या साल काम करे, उसे उस हिसाब से ग्रैच्यूटी मिल जाए। मौजूदा नियम के तहत किसी भी संस्थान या कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को 5 साल की नौकरी पूरी होने पर ग्रैच्यूटी मिलती है।
‘श्रम मंत्रालय के साथ हुई बैठक‘
बीएमएस के महसाचिव विरजेश उपाध्याय ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि इस बारे में सरकार के साथ बातचीत जारी है। इस बारे में श्रम मंत्रालय के साथ एक बैठक हो चुकी है, जल्द ही अगली बैठक भी होगी। उन्होंने कहा कि इस वक्त ज्यादातर संस्थाएं और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की भर्तियों पर ज्यादा फोकस कर रही है।
अगर सरकार ने ग्रैच्यूटी पाने के लिए समय-सीमा 5 साल से कम करके 3 साल कर भी दिया तो इस पर खेल हो सकता है। उसके बाद कोई भी कर्मचारियों को तीन साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर नहीं रखेगा। इससे कम समय के लिए कर्मचारियों की भर्तियां शुरू हो जाएंगी।
ग्रैच्यूटी ऐक्ट में बदलाव की मांग
बीएमएस की मांग है कि सरकार पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी ऐक्ट, 1972 में बदलाव करे और ग्रैच्यूटी के लिए कोई समय-सीमा न रखे। विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, इससे दो अहम बदलाव होंगे। एक तो कंपनियां जल्द कर्मचारियों को निकालेगी नहीं और दूसरा, कर्मचारियों को भी नौकरियां बदलने में कोई समस्या नहीं होगी। यह फॉर्म्युला कर्मचारियों के लिए हितकर होगा।
चुनावी तोहफे की आस
गौरतलब है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी के लिए ग्रैच्युटी पाने की न्यूनतम समय-सीमा 5 साल से घटाकर 3 साल किए जाने की खबरें आ रही हैं। इस बारे में लेबर मिनिस्ट्री ने इंडस्ट्री से राय मांगी है।
उधर, सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ग्रैच्यूटी को लेकर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को कुछ तोहफा दे सकती है। इस बारे में कई तरह के सुझावों पर इंडस्ट्री के दिग्गजों के साथ बातचीत की जाएगी।