नई दिल्ली ।वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 1 जुलाई से क्रियान्वयन उद्योग के लिए चुनौती है। उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि सरकार को कुछ तिमाहियों के लिए जुर्माने के प्रावधान में ढील देनी चाहिए जिससे लोगों को इस नई कर व्यवस्था के अनुपालन में मदद मिल सकेगी।
सरकार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करने के लिए रातदिन काम कर रही है। इसके अलावा व्यापारियों और उद्योग को इसके बारे में जागरूक करने को कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।
एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया ने LEN-DEN NEWS से साक्षात्कार में कहा, ‘जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करना उद्योग के लिए निश्चित रूप से एक चुनौती होगा। लोग गलतियां कर सकते हैं।
मेरा मानना है कि विभाग को पहली एक-दो तिमाहियों तक इसको लेकर नरम रुख इख्तियार करना चाहिए क्योंकि यह सीखने की प्रक्रिया होगी।’ उन्होंने कहा कि यदि पूरे साल के लिए संभव न हो तो कम से कम एक या दो तिमाहियों तक जुर्माना प्रावधान में छूट दी जानी चाहिए।
जीएसटी कानून में विभिन्न अपराधों के लिए कम से कम 21 प्रकार के जुर्मानों का प्रावधान है। कम भुगतान मामले में बकाये कर पर 10 प्रतिशत का जुर्माना लगेगा। यह अधिकतम 10,000 रुपये होगा। विभिन्न प्रकार की गलतियों के लिए बकाया कर पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।