नई दिल्ली। विविधीकृत व्यवसाय करने वाले कंपनी समूह डीसीएम श्रीराम को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में 188 करोड़ रुपये की लागत से शीरा आधारित डिस्टलरी कारखाना लगाने के लिए हरित मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही कारखाने में बिजली उत्पादन संयंत्र भी लगेगा।
प्रस्ताव हरियावन गांव में 200 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाले शीरा आधारित डिस्टलरी तथा छह मेगावाट के सह सृजन बिजली संयंत्र को स्थापित करने के लिए है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘डीसीएम श्रीराम की उत्तर प्रदेश में नई डिस्टलरी परियोजना को पर्यावरण संबंधी मंजूरी दी गई है।
पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है।’ अधिकारी ने कहा कि परियोजना को मंजूरी कुछ निश्चित शर्तो के साथ दी गई है और परियोजना की लागत करीब 188 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। कंपनी को इसके साथ ही कुछ शर्तों का पालन करने को भी कहा है।
गन्ने की खोई को जलाने से चलने वाले बॉयलर से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित दायरे में रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। कंपनी के लिए भूजल का दोहन करने की सीमा तय की गई है। उसे कहा गया है कि वर्षा जल का संचयन करे और जल रिचार्ज मापन की व्यवस्था करे। इसके साथ ही कंपनी से कहा गया है कि वह डिस्टलरी से निकलने वाले दूषित जल को कारखाना परिसर से बाहर नहीं निकलने दे।
परिसर के भीतर ही उसके समायोजन की व्यवस्था होनी चाहिए। गन्ने के खोई को इस तरह रखने को कहा गया है कि हवा उडऩे पर यह आसपास के इलाके में नहीं उड़े। डीसीएम श्रीराम ने कहा है कि वह शीरा और गन्ने की खोई पास स्थित अपनी चीनी मिल से प्राप्त करेगी। कंपनी चीनी, रसायन के अलावा बीज, सीमेंट और उर्वरक के कारोबार में भी लगी है।