नई दिल्ली। ब्याज पर टीडीएस से बचने के लिए ग्राहकों को 15G और 15H फॉर्म जमा कराना पड़ता है। पहले इसे होम ब्रांच में ही जाकर जमा करना पड़ता था लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को सहूलियत दी है। अब इस फॉर्म को दस्तावेजों के साथ किसी भी नजदीकी ब्रांच में जमा कराया जा सकता है। बता दें कि वित्त वर्ष की शुरुआत में इस फॉर्म को जमा कराना होता है जिससे ब्याज पर टीडीएस न कटे।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। बता दें कि 15G और 15H SBI की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। दरअसल, ये फॉर्म इस बात की घोषणा होती है कि किसी की आय उक्त वित्तीय वर्ष में टैक्स लगाने योग्य नहीं है, इसलिए ब्याज में से टीडीएस नहीं काटा जाए।
हालांकि, इन फॉर्मों का दुरुपयोग एक संगीन अपराध है। फॉर्म 15G को भरने के लिए दो मूल शर्तें पूरी करनी होती हैं। पहली तो यह कि आपकी पूरे साल की आमदनी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और दूसरी, पूरे साल में मिले ब्याज की राशि भी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फॉर्म 15G तभी फाइल करना चाहिए जब आप दोनों शर्तें पूरी करते हैं। टीडीएस एक अंतरिम टैक्स है। मतलब यह कि अगर आपने टैक्स के रूप में ज्यादा पैसे दे दिए हैं तो आप रिफंड का दावा कर सकते हैं। 15H फॉर्म वरिष्ठ नागरिकों के लिए होता है।