नयी दिल्ली। सरकार के पास करीब 22,000 करोड़ रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड लंबित है। निर्यातकों के संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने बुधवार को कहा कि इससे निर्यातकों के समक्ष नकदी की समस्या हो गई और निर्यात भी प्रभावित हो रहा है।
गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रिफंड में देरी की वजह से छोटे निर्यातक सबसे अधिक प्रभावित हैं, जो श्रम आधारित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराते हैं। गुप्ता ने कहा, ‘‘30 सितंबर तक एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का करीब 7,000 करोड़ रुपये का रिफंड अटका हुआ है। इसी तरह इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का 15,000 करोड़ रुपये का रिफंड लंबित है।’’
उन्होंने कहा कि विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र के निर्यातकों को नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की निर्यातकों को उत्पादन में लगने वाली सामग्री/सामान पर जीएसटी में छूट हो ताकि भारतीय सामान की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़े।
रुपये की विनिमय दर में गिरावट से निर्यातकों को लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि सामान्य धारणा यही है कि निर्यातक इससे लाभ में हैं। पर यह लाभ उम्मीद के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि फियो ने अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान के साथ व्यापार में वस्तु विनिमय प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया है।