नई दिल्ली। न्यूयॉर्क की एक बैंकरप्सी कोर्ट ने अमेरिका में नीरव मोदी की संपत्ति की किसी भी बिक्री पर पंजाब नैशनल बैंक दावे को स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा अमेरिका की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके 4 सहायकों से पूछताछ के लिए समन जारी किया है।
भगोड़े नीरव मोदी को लेकर गुरुवार की देर रात को दो फैसले आए। भारत सरकार इन आदेशों को सकारात्मक ढंग से देख रही है। यह आदेश ब्रिटेन की अदालत के उस आदेश के बाद ही आए हैं, जिसमें एक अन्य भगोड़े विजय माल्या पर शिकंजा कसने की बात कही गई है।
पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश के बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का लोन लिया था। फिलहाल पर लोन को चुकाए बिना ही एजेंसियों को छकाते हुए ब्रिटेन में रह रहा है। पीएनबी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘हम ओनरशिप पैटर्न को स्थापित करने में सफल रहे हैं और भविष्य की कार्रवाई के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।’
बैंकरप्सी कोर्ट के आदेश के बाद भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को अदालत के समक्ष पेश होना होगा या फिर अमेरिक कानून के तहत ऐक्शन का सामना करना होगा। यदि वह कोर्ट के समक्ष पेश होता है तो फिर अदालत उससे फंड के डाइवर्जन और हेराफेरी को लेकर सवाल पूछ सकते हैं। नीरव से यह भी पूछा जाएगा कि कैसे उसने फ्रॉड को अंजाम दिया और कॉर्पोरेट कानूनों एवं गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स को भी नहीं माना।
अदालत ने नीरव मोदी के अलावा उसके सहायकों मिहिर भंसाली, राखी भंसाली, अजय गांधी और कुनाल पटेल को भी समन जारी किए हैं। बता दें कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने 26 फरवरी को अमेरिकी अदालत में नीरव मोदी के द्वारा शुरू की गई बैकरप्सी की प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दाखिल कर पीएनबी को भी संपत्तियों की सेल में पार्टी बनाने की मांग की थी।