नई दिल्ली। गिरते हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट को बूस्ट देने के लिए सरकार ने इत्र, कैंडल, ज्वैलरी बॉक्स, वुडन फ्रेम, शॉल जैसे कई प्रोडक्ट पर मर्चेंटन्डाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) को 2 फीसदी बढ़ा दिया है। जीएसटी के कारण वर्किंग कैपिटल की परेशानी झेल रहे हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट कारोबारी काफी समय से परेशान थे। हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स को राहत देने के लिए सरकार एमईआईएस बढाई है इससे उन्हें इन्पुट कॉस्ट कम करने में मदद मिलेगी।
गिरते हैंडीक्राफ्ट को मिलेगी मदद
ईपीसीएच के चेयरमैन ओ पी प्रह्लादका ने बताया कि जीएसटी में एक्सपोटर्स का 9 महीने तक रिफंड अटकने से वर्किंग कैपिटल की परेशानी हुई जिसके कारण कारोबारियों को कई ऑर्डर कैंसल करने पड़े। इसके कारण एक्सपोर्टर्स भी गिरा। अब सरकार के इन प्रोडक्ट पर एमईआईएस बढ़ाने से कारोबारियों का मार्जिन बढ़ेगा और गिरते एक्सपोर्ट को मदद मिलेगी। हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट काफी समय से इन प्रोडक्ट को शामिल करने की मांग कर रहा था।
कारोबारियों की लागत होगी कम
एशियन हैंडीक्राप्ट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन राजकुमार मल्होत्रा ने बताया कि इससे एक्सोपर्टर अपनी लागत 2 से 5 फीसदी तक कम कर पाएंगे। जो कारोबारी कॉम्पिटीशन बढ़ता देख लागत पर प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहे हैं, उन्हें सरकार की तरफ से 2 से 5 फीसदी तक का प्रॉफिट मार्जिन सीधे तौर पर मिलेगा। इससे हैंडीक्राफ्ट सेक्टर के लोगों को फायदा मिलेगा।
क्या है एमईआईएस स्कीम
एमईआईएस स्कीम के तहत सरकार एक्सपोर्ट को 2 से 3 फीसदी का ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप उनके टर्नओवर पर देती है। ये कस्टमर ड्यूटी जैसी बेसिक ड्यूटी की पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये स्क्रिप ट्रांसफर भी जा सकती है। अभी तक सरकार को ड्यूटी पेमेंट का रिफंड नहीं मिल पाता था लेकिन अब वह इस उसके बदले में स्क्रिप को इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये प्रोड्कट किए गए शामिल
इसमें इत्र, कैंडल, ज्वैलरी बॉक्स, वुडन फ्रेम, शॉल, हैंडमेड पेपर, हैंडमेड लेस, स्कार्फ, कोल्हापुरी चप्पल, ग्लास आर्टवेयर, ब्रास प्रोडक्ट, एलूमीनियम, ग्लास, बैंगल आदि शामिल है। सरकार ने इन प्रोडक्ट पर 2 फीसदी एमईआईएस बढ़ाया है।