NEET 2018: जूते उतार कर नंगे पांव परीक्षा देने जाना पड़ा

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नई दिल्ली/अजमेर, जयपुर। देशभर के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए आज नैशनल एलिजिबिल्टी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच कराई गईं। लगभग 150 शहरों में आयोजित हुए इन परीक्षाओं में इस साल 13.36 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं। जिसके लिए 66 हजार एमबीबीएस व डेंटल सीटों के लिए चयन किया जाना है। इस दौरान छात्रों को जूते उतार कर नंगे पांव परीक्षा देने जाना पड़ा

नीट में सीबीएसई द्वारा अपनाई स्टूडेंट्स फ्रेंडली नीति से स्टूडेंट्स को राहत मिली। सीबीएसई ने इस बार प्रवेश पत्र पर पोस्ट कार्ड साइज के फोटो की बाध्यता खत्म की। पासपोर्ट साइज के फोटो ही मंगाए गए। केंद्र पर एक साथ उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टूडेंट्स को दो स्लाट में बांटा। नीट देशभर की 60000 मेडिकल सीट्स के लिए करवाया जा रहा है। राजस्थान में मेडिकल की 3100 सीट्स हैं।

टफ नहीं था पेपर
– एग्जाम देने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स ने बताया कि पेपर ईजी था। जिसने भी सालभर तैयारी की हो वह पास हो जाएगा।
भीड़ का दबाव करने के लिए 2 घंटे पहले ही एंट्री
– सीबीएसई, अजमेर के 19 परीक्षा केंद्रों समेत देशभर में 225 परीक्षा केंद्रों पर ये परीक्षा ले रही है। परीक्षा केंद्रों पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए स्टूडेंट्स को दो घंटे पहले ही से एंट्री देना शुरू कर दिया। नकल की रोकथाम के लिए स्टूडेंट्स की जांच के साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई गई। पुलिस का भी बंदोबस्त किया गया।
– राजस्थान में अजमेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर में विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर नीट का आयोजन किया गया। परीक्षा केंद्रों पर सुबह 7:30 बजे से ही स्टूडेंट्स को प्रवेश देना शुरू कर दिया गया था।
– सीबीएसई द्वारा बनाए दो स्लॉट में से पहले के परीक्षार्थियों को सुबह 7:30 बजे से प्रवेश देना शुरू कर दिया गया। इस दौरान दूसरे स्लाट के स्टूडेंट्स यानी 8.30 बजे वाले स्टूडेंट्स आ गए उन्हें भी एंट्री दी गई। इससे केंद्र पर भीड़ कम रही।
अधिकतर बॉयज पाजामा पहन कर आए
– इस बार नीट देने पहुंचे अधिकतर स्टूडेंट्स ने भी सीबीएसई के इंस्ट्रक्शन फॉलो किए। नीट देने आए अधिकतर बॉयज स्टूडेंट्स पेंट की जगह पाजामा व टी शर्ट पहनकर पहुंचे। इस से जांच में परेशानी नहीं हुई। जो स्टूडेंट्स पेंट व जूते पहन कर आए उन्हें जूते उतार कर नंगे पांव परीक्षा देने जाना पड़ा। बैल्ट उतरवा लिए गए। मोबाइल पर्स और बैग भी बाहर रखवा लिए। कलाई घड़ी भी नहीं ले जाने दी गई। जिन लड़कों ने हाथ में कड़े पहने थे उसे उतरवा लिया गया।

आभूषण परिजनों ने ही उतारे
– टेस्ट देने पहुंचीं अधिकतर लड़कियां सीबीएसई के इंस्ट्रक्शन के अनुसार ही फॉलो करती दिखीं। जो लड़कियां कान में बुंदे, नाक में लौंग, गले में हार समेत विभिन्न आभूषण पहन कर आईं उनके आभूषण परिजनों ने ही उतारे। जिन लड़कियों के बालों में पिन लगी थीं, उसे उन्होंने स्वयं ने उतारा। गले में पहने मन्नत के धागे व लॉकेट भी उतरवा लिए गए।
– इधर, परीक्षा केंद्रों पर नकल की रोकथाम के लिए वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई। केंद्र पर टेस्ट सही चल रहा है इसकी जांच के लिए अजमेर के केंद्रों पर दिल्ली से फ्लाइंग पहुंची।