कोटा। कोटा स्थित सेना की टाउनशिप में डीआरएस सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जो कि सेना की मैस और 2800 घरों में गैस सप्लाई होगी। कोटा समेत प्रदेश के औद्योगिक ग्रोथ के साथ-साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। यह जानकारी शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता में कम्पनी के अधिकारियों ने दी।
राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (आरएसजीएल) के प्रबंध निदेशक रवि अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणा के अंतर्गत आरएसजीएल ने अपनी पहली परियोजना दिल्ली से जयपुर तक सीएनजी कोरिडोर परियोजना को समय से पूर्व जून 2016 में पूरा कर लिया।
दूसरी परियोजना नीमराणा के पास स्थित गिलोत को गैस सप्लाई करने के लिए जो कि सिरामिक इंडस्ट्री की गुणवत्ता के लिए बहुत जरूरी है, उसका 15 नवंबर 2017 को राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी द्वारा उद्घाटन किया गया। तीसरा अब जब मुख्यमंत्री द्वारा जन-जन को गैस, घरेलू, व्यवसायिक, कॉमर्शियल, इंडस्ट्रियल व ऑटोमेटिक के लिए चार सालों के लिए डिटेल्ड प्लानिंग एंड एज्युकेशन फिलोसिपी तैयार हो रही है। उसी समय बारां रोड स्थित कंचनजंगा सोसायटी के कुछ लोग स्वीकृति के बावजूद भी सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना को रोक दिया है।
आरएसजीएल के चीफ मैनेजर (परियोजना) रामकल्याण मीणा ने बताया कि आरएसजीएल ने यहां सभी कॉमर्शियल, इंडस्ट्रियल और घरेलू ग्राहकों का ब्ल्यू प्रिंट कोटा के मास्टर प्लान के साथ लिंक कर दिया है और सरकार के फेसिलिटेट्स और आमजन के सहयोग से कोटा देश का मॉडल स्मार्ट सिटी के रूप में अग्रसित हो रहा है।
भ्रांतियों में नहीं पड़ें –मीणा ने बताया कि कंचनजंगा सोसायटी परिसर में कंपनी द्वारा स्थापित की गई स्किड के विरोध के जवाब में बताया कि देश के कई शहरों में स्थापित इन स्किड्स में कभी भी किसी भी तरह का कोई हादसा सामने नहीं आया है। इसलिए कंचनजंगा सोसायटी के लोगों के मन में फैल रही गलत भ्रांतियों को दूर करने की अपील करते हुए कंपनी प्रबंधन द्वारा यह भरोसा दिलाया कि कंचनजंगा सोसायटी के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले लोगों को बड़े शहरों में लगे अपार्टमेंट एवं व्यवासायिक प्रतिष्ठानों से गैस प्लांटों के बारे में जानकारी करनी चाहिए, ताकि उनके मन में फैल रही भ्रांतियां स्वत:ही दूर हो सके।
चार साल में घर-घर पहुंचाएंगे पीएनजी गैस : आरएसजीएल के अनुसार कंपनी के शुरुआती चरण में कोचिंग नगरी के तीन हजार घरों में पाइप लाइन के माध्यम से गैस सप्लाई की जाएगी। इसके बाद आगामी चार सालों में कंपनी का उद्देश्य शहर के प्रत्येक घर, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, औद्योगिक संस्थानों समेत अन्य कारखानों को पाइप लाइन के माध्यम से गैस उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आरएसजीएल के डीजीएम एसडी बर्मा ने बताया कि कंचनजंगा सोसायटी और आरएसजीएल के बीच नगर विकास न्यास के सचिव की मौजूदगी में कंपनी द्वारा सोसायटी को प्रत्येक माह 7 हजार रुपए जगह का किराया एवं 8 आठ हजार रुपए प्रतिमाह सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर देने की सहमति हुई थी। जिसके बावजूद सोसायटी के कुछ लोगों ने गलतफहमी के कारण विरोध करना शुरू कर दिया, जिससे गैस सप्लाई बाधित हो गई।
देश की महत्वपूर्ण गैस परियोजनाओं की इंजीनियरिंग, डिजायनिंग व निर्माण करने वाली मेकोन कंपनी का दावा है कि गैस वितरण सिस्टम (डीआरएस) सिस्टम पूर्णतया सेफ है। मेकोन जो कि गैस कंसल्टेंसी की उच्चतम कंसल्टेंसी सर्विसेज है। मेकोन के उप महाप्रबंधक ए.के.सिल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि देश के दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बड़ोदरा, पुणे व लखनऊ जैसे बड़े शहरों के आवासीय एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में इस तरह के पीएनजी गैस वितरण स्किड स्थापित हैं।
इन स्किड्स से वहां के लोग कई सालों से घरेलू व व्यवसायिक गैस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। सिल ने लखनऊ स्थित एलडीको सोसायटी के फोटोग्राफ दिखाते हुए बताया कि इस तरह का डीआरएस सिस्टम देश के विभिन्न-विभिन्न भागों के अलावा एलडीको सोसायटी में भी पिछले 6 वर्षों से ऑपरेट हो रहा है। इस हवाले में स्थानीय सोसायटी का पत्र जिसमें जारी किया गया है, जिसमें यह बताया गया कि वहां के लोग इस सिस्टम से बहुत खुश है और यह पूर्णतया सुरक्षित है।