नई दिल्ली । क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में मंगलवार को भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह क्रिप्टोकरेंसी लुढ़कर 10,300 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई। दिसंबर महीने में इसने एक बार 20,000 डॉलर (करीब 12.81 लाख रुपये) का स्तर पार कर लिया था। दुनियाभर में नियामकीय सख्ती की आशंका में यह गिरावट आई है।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते 24 घंटों में बिटकॉइन कीमतों में करीब 25 फीसद की कमजोरी दर्ज की गई है। यह दिसंबर के 19,500 डॉलर के रिकॉर्ड हाई से 47 फीसद की गिरावट है। बिटकॉइन में कमजोरी का सबसे बड़ा कारण क्रिप्टो करंसी में हुई चौतरफा बिकवाली है।
कॉइनमार्केटकैप के अनुसार अन्य दिग्गज क्रिप्टो करंसी में भी बीते 24 घंटों में दहाई अंकों में गिरावट देखने को मिली है। ईथिरियम में 28 फीसद की कमजोरी आई है, जबकि बिटकॉइन कैश 31 फीसद कमजोर है। वहीं, लाइटकॉइन 29 फीसद, डैश 24 फीसद और मोनेरो 30 फीसद कमजोर हैं। इसी तरह रिपल में 40 फीसद तक की गिरावट दर्ज की है।
आखिर है क्या बिटकॉइन?
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि पहली बात यह है कि बिटकॉइन कोई करेंसी नहीं है। करेंसी की परिभाषा के मुताबिक किसी भी देश की मुद्रा में कुछ की हफ्तों के भीतर दोगुने और तीन गुने तक का उछाल नहीं आता है, क्योंकि मुद्रा स्थिर होती है और इसका इस्तेमाल लेन-देन में किया जाता है।
बिटकॉइन हाल ही में 11000 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और वो इसके बाद गिरकर 9000 डॉलकर पर आ गया। हालांकि कुछ दिन बाद ही इसने 19,500 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। कोई भी मुद्रा इस तरह का उतार-चढ़ाव नहीं आता है। ऐसी अस्थितरता सामान्यतया: किसी निवेश विकल्प में ही आ सकती है।
मुनाफा नहीं बिटकॉइन के खतरे समझें:
केडिया ने बताया कि जिस तरह से शेयर मार्केट पर निगरानी रखने के लिए सेबी जैसा नियामक स्थापित किया गया है लेकिन बिटकॉइन का कोई नियामक नहीं है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राइवेट प्लेयर संचालित करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बिटकॉइन की खरीद डिजिटल माध्यम से की जाती है।
ऐसे में अगर मान लीजिए कि कोई आपका सिस्टम हैक कर ले और आपका बिटकॉइन चुरा ले तो आप अपनी शिकायत किसे सुनाने जाएंगे। केडिया ने कहा कि आरबीआई हाल ही में भारत के निवेशकों को सर्तक करते हुए कह चुका है कि यह पूरी तरह से अवैध है और उन्हें इसमें निवेश नहीं करना चाहिए। और अधिक जानने के लिए देखिए यह वीडियो-