अमेरिका के दबाव में भारत सोया तेल, मसूर एवं सेब के आयात पर सीमा शुल्क घटाएगा

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नई दिल्ली। विभिन्न वस्तुओं एवं उत्पादों पर सीमा शुल्क लगाने के बारे में भारत और अमरीका के बीच बढ़ते विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों पक्ष आपस में बातचीत कर रहे हैं।

अमरीका ने कहा है कि भारत में अमरीकी उत्पादों पर शुल्क की दर काफी ऊंची है और इसलिए अमरीका भी भारतीय उत्पादों पर ऊंचे स्तर का शुल्क लगाएगा जो 2 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो जाएगा।

इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए भारत ने अमरीका को संतुष्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों पर सीमा शुल्क घटाने या समाप्त करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। इसमें सोयाबीन तेल, मसूर तथा सेब आदि शामिल है। लेकिन पॉल्ट्री उत्पादों को इससे बाहर रखा जा सकता है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शुल्क विवाद के निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है। यदि अमरीका भारत को कुछ खास फायदों की अनुमति देता है तो भारत भी अमरीकी उत्पादों पर आयात शुल्क घटा सकता है।

भारत की इच्छा है कि अमरीका सरकारी ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम (एनपीओपी) को दोबारा मान्यता प्रदान करे। वर्तमान समय में भारत के वाणिज्य मंत्री अमरीका में है और द्विपक्षीय व्यापार में शुल्क सम्बन्धी मसलों पर विचार-विमर्श करने हेतु उच्च अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

अमरीकी राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि भारत में आयात शुल्क की दर बहुत ऊंची है और अमरीका अब इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उल्लेखनीय है कि ट्रम्प प्रशासन पहले ही कनाडा एवं मैक्सिको के उत्पादों पर 25-25 प्रतिशत तथा चीन के सामानों पर 20 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा चुका है।

वह भारत को भी इस मामले में कोई राहत या रियायत देने के मूड में नहीं है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया एवं ब्राजील पर भी ट्रम्प प्रशासन की नजर है जिसके आयात शुल्क को ऊंचा माना जा रहा है।

एक वरिष्ठ विश्लेषक के मुताबिक व्यापारिक संतुलन के लिए दोनों पक्षों द्वारा उपायों की शुरुआत की जा सकती है लेकिन इसके लिए यह आवश्यक है कि कारोबार की निरंतरता बनाये रखने हेतु पारस्परिक सहमति बनाई जाए।

इस सम्बन्ध में ऐसे उत्पादों एवं सामानों की पहचान होनी चाहिए जिस पर आयात शुल्क में कटौती होने से भारत को ज्यादा नुकसान न हो।

भारत को विशाल मात्रा में सोयाबीन तेल एवं मसूर के आयात की जरूरत पड़ती है। फिलहाल इसे अर्जेन्टीना ब्राजील तथा कनाडा-ऑस्ट्रेलिया से मंगाया जा रहा है। यदि इसके आपूर्तिकर्ता देशों की सूची में अमरीका भी शामिल होता है तो विशेष फर्क नहीं पड़ेगा।

भारत में अमरीका से भी सोयाबीन तेल का आयात पहले से हो रहा है। यहां क्रूड सोया तेल पर 27.5 प्रतिशत एवं रिफाइंड सोया तेल पर 37.75 प्रतिशत का वास्तविक आयात शुल्क लागू है। लेकिन भारत में सोयाबीन तेल के कुल आयात में अमरीकी उत्पाद की भागीदारी नगण्य रहती है।