कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कर समाज सेवा, नेतृत्व क्षमता और विकास की दिशा में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को हमेशा सीखने और स्वयं को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में रहना चाहिए। हमें लकीर को बड़ा खींचने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हमारी सोच, दृष्टि और कार्यशैली का दायरा विस्तृत हो और कोटा-बूंदी को एक उदाहरण के रूप में देखा जाए।
कोटा के जवाहरनगर में आयोजित आधार शक्ति संगम कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि हमें क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति से सीधा संवाद स्थापित करना होगा, उनकी जरूरतों और क्षेत्र की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे सामने अवसर भी हैं और चुनौतियाँ भी, लेकिन हमें अपनी कार्यप्रणाली को इतना प्रभावी बनाना होगा कि विकास की धारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्ची समाज सेवा वही है, जो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए, उनके सुख-दुख में सहभागी बने और समाज के उत्थान में योगदान दे। उन्होंने कहा कि छोटे मन का व्यक्ति कभी बड़ा नहीं बन सकता। संघर्ष और मेहनत के साथ हमें निस्वार्थ भाव से कार्य करते हुए स्वाभिमानी नेतृत्व विकसित करना होगा।
हर व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने का प्रयास हो
स्पीकर बिरला ने कहा कि हमारी सामाजिक और आर्थिक नीतियाँ ऐसी होनी चाहिए, जो हर व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाएँ। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गाँव-गाँव, ढाणी-ढाणी तक पहुँचाने का कार्य करें, ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि हर गाँव स्वच्छ हो, हरा-भरा हो और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े, यही हमारा संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें आमजन का विश्वास जीतना है, उनकी समस्याओं को समझकर समाधान तक पहुँचाना है और उनके सुख-दुख में संवेदनशील सहभागी बनना है।
प्रत्येक जरूरतमंद को योजनाओं का लाभ मिले
स्पीकर बिरला ने कहा कि हमारी भूमिका सिर्फ योजनाओं के प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक जरूरतमंद को योजनाओं का लाभ मिले। यदि किसी व्यक्ति को इलाज की आवश्यकता है, तो हम उसे समुचित उपचार उपलब्ध कराएँ। यदि किसी वंचित परिवार का बच्चा शिक्षा से वंचित है, तो उसे पुस्तकें और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराएँ। हमें यह लक्ष्य बनाना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति धन के अभाव में शिक्षा और स्वास्थ्य से वंचित न रहे।
विकास की प्राथमिकताएं तय करें
स्पीकर बिरला ने ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक निर्णय लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गाँवों में चौपाल लगाकर प्राथमिक समस्याओं की सूची तैयार करनी चाहिए और फिर उनकी प्राथमिकता तय करनी चाहिए। इससे न केवल विकास योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि लोगों की सहभागिता भी बढ़ेगी और वे अपनी समस्याओं के समाधान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
इस अवसर पर देहात जिलाध्यक्ष प्रेम गोचर ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में कोटा को देशभर में एक विशिष्ट पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व और सेवा भावना से न केवल क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसका सीधा लाभ भी मिल रहा है।
बिरला ने की जनसुनवाई
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संसदीय क्षेत्र कोटा स्थित निवास पर जनसुनवाई कर आमजन की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए नागरिकों ने बजट में स्वीकृत सड़कों, पेयजल योजनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया।