नई दिल्ली। आयकरदाता अब आयकर अधिनियम, 1961 की धाराओं का मिलान आयकर विधेयक, 2025 के संबंधित खंडों से कर सकते हैं। आयकर विभाग ने आयकर कानून 1961 की नए आयकर विधेयक की धाराओं के साथ मैपिंग कर दी है औरर आयकरदाता आयकर विभाग के पोर्टल पर जाकर इनका मिलान कर सकते हैं। सरलीकृत आयकर विधेयक 2025 को बीती 13 फरवरी को ही लोकसभा में पेश किया गया था।
विधेयक के पारित होने के बाद आयकर विधेयक 2025, 64 साल पुराने आयकर कानून की जगह लेगा। दरअसल समय के साथ आयकर कानून में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। आयकर विधेयक 2025 में 2.6 लाख शब्द हैं, जबकि आयकर कानून में शब्दों की संख्या 5.12 लाख है।
नए विधेयक में 536 धाराएं हैं, जबकि मौजूदा कानून में 819 प्रभावी धाराएं हैं। नए विधेयक में 23 अध्याय हैं, जबकि मौजूदा कानून में 47 अध्याय हैं। विधेयक में 57 सारणी हैं जबकि मौजूदा आयकर कानून में 18 सारणियां हैं। नए विधेयक में आयकरदाताओं को कर की गणना करने में आसानी होगी। मौजूदा कानून की तुलना में नए विधेयक में 1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं।
14 फरवरी को एक्स पर साझा पोस्ट में आयकर विभाग ने बताया कि करदाता ड्रॉप डाउन मेनू से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा का चयन कर सकता है और उसके अनुसार, आयकर विधेयक में संबंधित खंड दिखाई देंगे।
इसके अलावा, करदाताओं की सुविधा के लिए सारणीबद्ध प्रारूप में अनुभागवार मैपिंग की गई है। विधेयक में छोटे वाक्यों का उपयोग किया गया है और तालिकाओं और सूत्रों के उपयोग से इसे पाठकों के लिए आसान बनाया गया है। टीडीएस, अनुमानित कराधान, वेतन संबंधित प्रावधानों के लिए तालिकाएं प्रदान की गई हैं।
विधेयक में 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि के रूप में ‘कर वर्ष’ की नई अवधारणा पेश की गई है। यह आकलन और पिछले वर्ष की वर्तमान अवधारणा की जगह लेगा। वर्तमान में, पिछले वर्ष (PY) यानी अप्रैल 2024 से मार्च 2025 में अर्जित आय का आकलन आकलन वर्ष (AY) 2025-26 में किया जाएगा। विधेयक 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होगा। विधेयक को अभी लोकसभा की एक प्रवर समिति द्वारा जांचा जाएगा और संसद द्वारा मंजूरी दी जाएगी।