नई दिल्ली । छुट्टी के बाद आज फिर से संसद का कामकाज शुरू हो गया है। सत्र शुरू होते ही राज्यसभा और लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। जहां राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की संविधान पर की गई टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ तो लोकसभा में पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के मुद़दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा।
शुक्रवार को संसद हंगामे के बाद 26 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। संसद में पहले ही विपक्ष मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगे। इस मांग पर संसद का कामकाज पहले ही ठप पड़ा हुआ है।
जाधव के अपमान को लेकर हल्ला
सुबह 11 बजे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ कराया, वैसे ही शिवसेना के कुछ सदस्यों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाये जिनका साथ भाजपा के कुछ सदस्यों ने भी दिया। ये सदस्य कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान में दुर्व्यवहार की खबरों की पृष्ठभूमि में नारेबाजी कर रहे थे।
नारेबाजी इतनी बढ़ गई थी कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को कहना पड़ा कि वह कल यानी गुरुवार को सदन में अपना बयान देंगी। जाधव से अलग लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा पिछले दिनों दिये गये कथित विवादित बयान के विरोध में कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी की।
इसके कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही समय बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के सदस्यों ने प्रश्नकाल शुरू होते ही आसन के समीप आकर हेगड़े के बयान के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसद ‘मंत्री को बर्खास्त करो के नारे लगा रहे थे। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव भी कांग्रेस सदस्यों के साथ नारेबाजी में शामिल थे।
अनंत कुमार के बयान पर भी हंगामा
उधर, तेलंगाना से टीआरएस के सदस्य अपने राज्य में अलग उच्च न्यायालय की मांग को लेकर आसन के समीप आकर नारे लगा रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और ‘मेंटर इंडिया अभियान से संबंधित सदस्यों के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जवाब भी दिया। हालांकि हंगामा थमता नहीं देखकर अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि खबरों के अनुसार, भाजपा नेता और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री हेगड़े ने हाल ही में कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक समारोह में कथित तौर पर कहा था कि जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष और बुद्धिजीवी मानते हैं उनकी अपनी कोई पहचान नहीं होती और वे अपनी जड़ों से अनजान होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी संविधान को बदलने के लिए सत्ता में आई है। इस बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।