Red Chilli: नए माल की आवक के प्रेशर से लालमिर्च की कीमतों पर दबाव

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गुंटूर। Red Chilli Price: दक्षिण भारत के दो शीर्ष उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च की नई फसल की छिटपुट तुड़ाई-तैयारी आरंभ हो गई है। हालांकि मंडियों में इसकी जोरदार आवक फरवरी-मार्च में ही संभव हो सकेगी लेकिन कीमतों पर दबाव अभी से बढ़ने लगा है।

खरीदारों का ध्यान नई फसल पर केन्द्रित हैं इसलिए वर्तमान समय में वे केवल तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सीमित मात्रा में इसकी खरीद कर रहे हैं। उन्हें आगामी महीनों के दौरान लालमिर्च की कीमतों में कुछ और नरमी आने की उम्मीद है।

लालमिर्च के सबसे प्रमुख उत्पादक केन्द्र- गुंटूर में फिलहाल लगभग 75-77 हजार बोरी लालमिर्च की औसत दैनिक आवक हो रही है जिसमें से एक-तिहाई या 25-26 हजार बोरी नई फसल का माल होता है।

कीमतों में लगभग स्थिरता बनी हुई है। उत्तरी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने से लालमिर्च की मांग एवं खपत में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है लेकिन दिसावरी व्यापारियों की सक्रियता अभी इसकी खरीद में ज्यादा नहीं बढ़ी है।

14 जनवरी (मकर संक्रांति) के बाद लग्नसरा एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन आरंभ होने वाला है और तब लालमिर्च का कारोबार कुछ सुधर सकता है। पिछले दिन तेजा लालमिर्च का भाव आंध्र प्रदेश के गुंटूर में 14,500/16,000 रुपए प्रति क्विंटल तथा तेलंगाना के वारंगल में 15,000/16,500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

लालमिर्च में जल्दी ही रमजान की जोरदार मांग निकलने की संभावना है जिससे इसकी कीमतों में कुछ सुधार आ सकता है। बांग्ला देश मलेशिया एवं अन्य मुस्लिम बहुल देशों में लालमिर्च का निर्यात बढ़ने के आसार हैं।

चीन की भी अच्छी मांग रह सकती है। नए माल की जोरदार आवक के साथ यदि घरेलू एवं निर्यात मांग भी मजबूत बनी रही तो बेहतर कारोबार संभव हो सकेगा और कीमतों में भी ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आ पाएगा। फसल को कुछ नुकसान होने की खबर है लेकिन कुल मिलाकर उत्पादन सामान्य होने की उम्मीद है।