Small Cardamom: नई फसल की आवक के प्रेशर से इलायची में तेजी की संभावना कम

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कोच्चि। Small Cardamom: प्रतिकूल मौसम के कारण फसल के प्रभावित होने से छोटी इलायची का उत्पादन इस वर्ष 35-40 प्रतिशत तक घटने की आशंका व्यक्त की जा रही और इसकी तुड़ाई-तैयारी भी देर से आरंभ हुई लेकिन फिर भी उम्मीद के अनुरूप कीमतों में इजाफा नहीं हो सका। त्यौहारी मांग लगभग समाप्त हो चुकी है जबकि नए माल की आपूर्ति बढ़ने लगी है।

इसके फलस्वरूप इलायची के दाम में निकट भविष्य में जोरदार उछाल आने की संभावना बहुत कम है लेकिन भाव नीचे जाने की आशंका भी नहीं है क्योंकि एक तो आगे शादी-विवाह का सीजन है और दूसरे, मुस्लिम देशों में रमजान की अच्छी मांग निकलने की उम्मीद की जा रही है।

इसके अलावा ग्वाटेमाला की इलायची का भाव तेज हो गया है जबकि उसकी क्वालिटी भारत की तुलना में कुछ हल्की होती है। ग्वाटेमाला संसार में छोटी इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि भारत दूसरे नम्बर पर रहता है।

खाड़ी क्षेत्र के देशों में इलायची के निर्यात के लिए इन दोनों देशों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा रहती है। अपेक्षाकृत सस्ती होने से ग्वाटेमाला को अपनी इलायची का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल जाता है लेकिन भारतीय इलायची इसमें कुछ पिछड़ जाती है।

नीलामी केन्द्रों में इलायची की अच्छी आपूर्ति होने लगी है। पिछले दिन अपेक्षित एक नीलामी में 64 टन से कुछ अधिक इलायची की आवक हुई और इसका औसत मूल्य 2322 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया जो उससे पूर्व हुई नीलामी के औसत मूल्य 2259 रुपए प्रति किलो से काफी ऊंचा रहा।

जानकारों के मुताबिक कुछ समय तक आपूर्ति का दबाव बरकरार रह सकता है और कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ काफी हद तक स्थिरता रह सकती है। आगामी महीनों के दौरान निर्यात मांग बेहतर होने पर इसके दाम में कुछ तेजी आ सकती है।

आगामी महीनों के दौरान निर्यात मांग बेहतर होने पर इसके दाम में कुछ तेजी आ सकती है। केरल में इस बार इलायची की फसल के लिए मौसम अनुकूल नहीं रहा। पहले भीषण गर्मी एवं बारिश की कमी से फसल प्रभावित हुई जबकि बाद में आंधी वर्षा ने इसे नुकसान पहुंचाया।