विदेशी निवेशक और ग्लोबल रुख से तय होगी इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा चाल

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नई दिल्ली। Stock Market this week: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों (FPI) की गतिविधियों, वैश्विक रुझानों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगी। विश्लेषकों का कहना है कि मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के कारण इस हफ्ते बाजार में थोड़ी और गिरावट देखने को मिल सकती है।

पिछले हफ्ते विदेशी निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर निकासी और कमजोर तिमाही नतीजों के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। एक विशेषज्ञ ने कहा कि अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं, जिससे बाजार में कमजोरी जारी रह सकती है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार में गिरावट का सिलसिला अभी कुछ समय तक जारी रह सकता है। इसमें सुधार तभी संभव है जब विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली की रफ्तार कम हो और अमेरिकी चुनावों के नतीजे स्पष्ट हो जाएं।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि विदेशी निवेशक (FPI) बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। अक्टूबर के वायदा और ऑप्शन निपटान के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। इसके साथ ही, ईरान-इजराइल संघर्ष और कच्चे तेल की कीमतों जैसे वैश्विक मुद्दे भी बाजार को प्रभावित करेंगे।

मीणा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले दुनियाभर के बाजार सतर्क रह सकते हैं। कुछ प्रमुख आंकड़े, जैसे अमेरिका का रोजगार और जीडीपी (GDP) डेटा और चीन का पीएमआई (PMI) आंकड़ा बाजार की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा, 31 अक्टूबर को अमेरिका का PCE मूल्य सूचकांक और बैंक ऑफ जापान की ब्याज दर पर फैसला भी बाजार पर असर डालेंगे।

दिवाली पर खास ‘मुहूर्त कारोबार’
दिवाली के मौके पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेगा, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए खास ‘मुहूर्त कारोबार’ होगा। बीएसई और एनएसई एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर इस ‘मुहूर्त कारोबार’ का आयोजन करेंगे, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है।

अदाणी ग्रुप और अन्य कंपनियों के नतीजे
इस हफ्ते अदाणी पावर, बीएचईएल, अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और डाबर इंडिया अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने बताया कि अक्टूबर से एफपीआई की बिकवाली का सिलसिला जारी है और इसमें थमने के कोई संकेत नहीं हैं। चीन के सस्ते शेयरों और भारत में ऊंचे वैल्यूएशन के चलते विदेशी निवेशक भारत से पूंजी निकाल रहे हैं।