कोटा। यहां अब अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में बाघ की दहाड़ कभी सुनाई नहीं देगी। बायोलॉजिकल पार्क में शुक्रवार को सुबह बाघ की मौत हो गई। मार्च में जयपुर के नाहरगढ़ पार्क से लाया था। जयपुर से बाघ और बाघिन कोटा आने के बाद साथ रह रहे थे, लेकिन 17 साल 10 महीने 19 दिन के बाद बाघ ने दम तोड़ दिया।
दरअसल गुरुवार की शाम को करीब सवा छह बजे बाघ को डिस्प्ले एरिया से नाइट शेल्टर में शिफ्ट किया जा रहा था, तो पाया गया कि बाघ का पिछला हिस्सा मूव नहीं कर पाया। बाघ गोल घूमकर नीचे गिर गया। इसकी सूचना चिकित्सकों को देकर इलाज शुरू करवाया। इसके बावजूद बाघ की हालत में सुधार नजर नहीं आया। रात भर बाघ पर नजर रखी गई। सुबह उसे मृत घोषित कर दिया गया।
कोटा के अभेड़ा बायलोजिकल पार्क में नर बाघ की मौत हो गई। बाघ 17 साल 10 महीने 19 दिन का था। बाघ नाहर को 17 महीने पहले ही बाघिन महक के साथ जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से कोटा शिफ्ट किया गया था। डीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनुराग भटनागर ने बताया कि बाघ को डिसप्ले एरिया से नाईट शेल्टर में लेने की कोशिश की। तो बाघ का पिछला हिस्सा मूवमेंट नहीं हो पा रहा था।
बाघ थोड़ा गोल-गोल घूम कर गिर गया था। इसके बाद वरिष्ठ पशु चिकित्सक व उच्च अधिकारी को सूचना दी। बाघ का जन्म 20 अक्टूबर 2006 को भोपाल में हुआ था। 23 मार्च 2013 को इसे जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। करीब 10 साल से बाघ जयपुर पार्क में था। जिसे मार्च 2023 में बाघिन महक के साथ कोटा शिफ्ट किया गया था।