नई दिल्ली। Stock Market Closed : अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं के बीच वैश्विक बाजारों की भारी बिकवाली का दबाव दलाल स्ट्रीट (Dalal street) पर भी देखने को मिला। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) लगभग 3 प्रतिशत टूट गए।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,222.55 अंक या 2.74 प्रतिशत गिरकर एक महीने के निचले स्तर 78,759.40 पर बंद हुआ, जो 4 जून, 2024 के बाद से एक दिन की सबसे खराब गिरावट है। दिन के दौरान, यह 2,686.09 अंक या 3.31 प्रतिशत गिरकर 78,295.86 पर आ गया। बाजार में आई इस तबाही की वजह से निवेशकों के करीब 17 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं।
वहीं, दूसरी तरफ एनएसई निफ्टी 662.10 अंक या 2.68 प्रतिशत लुढ़ककर 24,055.60 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 824 अंक या 3.33 प्रतिशत गिरकर 23,893.70 पर आ गया। 4 जून, 2024 के बाद से निफ्टी में भी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जब लोकसभा चुनाव परिणामों के कारण बाजार 5 प्रतिशत से अधिक गिर गया था।व्यापक बाजारों में, बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 4.21 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक 3.60 प्रतिशत गिर गया।
HUL और नेस्ले इंडिया के शेयर चढ़े
शेयर बाजार में हाहाकार के बीच आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में केवल 2 शेयर HUL और नेस्ले इंडिया हरे निशान पर बंद हुए। HUL 0.83 फीसदी और नेस्ले इंडिया 0.61 प्रतिशत चढ़ा।
सेंसेक्स के टॉप लूजर्स
वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, SBI और पावर ग्रिड सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। इसके अलावा, M&M, बजाज फिनसर्व, L&T, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, कोटक बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनैंस, ITC, ICICI बैंक, HCL टेक, सन फार्मा NTPC, HDFC बैंक, मारुति, भारती एयरटेल, रिलायंस, JSW स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, टाइटन और TCS के शेयर भी लाभ में रहे।’
ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट
एशियाई बाजारों में, सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग भारी गिरावट लेकर बंद हुए। जापान का बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स निक्की सोमवार को 12.4 प्रतिशत गिर गया, जिससे वैश्विक बाजार में निवेशकों की चिंता बढ़ गई कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है।
सोमवार को निक्की 4,451.28 अंक टूटकर 31,458.42 पर बंद हुआ। शुक्रवार को इसमें 5.8 फीसदी की गिरावट आई थी, जिससे यह अब तक की सबसे खराब दो दिन की गिरावट है। 19 अक्टूबर, 1987 को इसकी एक दिन की सबसे खराब गिरावट 3,836 अंक या 14.9 प्रतिशत की गिरावट थी। इस भारी गिरावट को “ब्लैक मंडे” नाम दिया गया था।
यूरोपीय बाजार भी भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार काफी गिरावट के साथ बंद हुए। व्यापक बिकवाली दबाव के बीच, बीएसई बेंचमार्क शुक्रवार को 1.08 प्रतिशत गिरा था। एनएसई का निफ्टी 1.17 प्रतिशत गिरा। सोमवार तक लगातार दो सत्रों में निफ्टी और सेंसेक्स में करीब 4 फीसदी की गिरावट आई है।
शेयर बाजार में क्यों आई भारी गिरावट
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “नौकरी के निराशाजनक आंकड़ों और येन के तेजी से बढ़ने के बाद कैरी-ट्रेड के बंद होने के बाद अमेरिका में मंदी की आशंकाओं से वैश्विक बाजार सतर्क मोड में आ गए थे। इसका असर घरेलू बाजार पर भी महसूस किया गया और उम्मीद है कि निकट भविष्य में इसका प्रभाव पड़ेगा।”
कैरी-ट्रेड एक बेहद लोकप्रिय व्यापारिक रणनीति है, जहां एक निवेशक कमजोर मुद्रा (इस मामले में जापान) के माध्यम से कम ब्याज दरों वाले देश से पैसा उधार लेता है, और दूसरे देश की संपत्ति में पैसे को फिर से निवेश करता है। जिससे निवेशक को ज्यादा रिटर्न मिलता है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बेची 3,310 करोड़ रुपये की इक्विटी
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुक्रवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,310 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।