Kanwar Yatra: चल कांवडिये चल कावंड उठा…चल रे कांवड़िया शिव के धाम

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कोटा। Kanwar Yatra: कांवडयात्रा में कावड़ियों की बन गई टोली इक वेश इक ही बोली, चाहे आग गगन से बरसे, चाहे पानी को मन तरसे, चल रे कावडिया शिव के धाम गीत के साथ भगवान पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर सेवा समिति की ओर से श्रावण मास प्रथम सोमवार को भव्य कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। कावंड़ यात्रा का शुभारंभ विधिवत पूजा के साथ मुख्य अतिथि वर्द्धमान खुला विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर कैलाश सोडानी ने किया।

समिति के अध्यक्ष भारत भूषण सिंह अरोड़ा व महामंत्री जोगेन्द्र पाल गौड़ ने बताया कि समिति की यह तीसरी कावंड यात्रा है। इसमें एक हजार से अधिक कांवड़ यात्री शामिल हुए। इस कावंड यात्रा को संतो का सानिध्य भी प्राप्त हुआ। कावंड यात्रा में महामंडलेश्वर साध्वी हेमा सरस्वती व राष्ट्रीय संत नमन वैष्णव, राम स्नेही सम्प्रदाय का सानिध्य प्राप्त हुआ।

पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर समिति की ओर से आयोजित कांवड यात्रा प्रात: 7 बजे श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर भीतरिया कुंड से प्रारंभ हुई। भगवान पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर सेवा समिति द्वारा आयोजित कांवड यात्रा के सर्वप्रथम इस्कॉन टेंपल कोटा के गजेन्द्रपति दास व मायापुरवासी दास अपनी भजन मण्डली के साथ चल रहे थे। जिसके पीछे 18 फीट की उंचाई पर विराट 7 फीट का शिवलिंग उसके पीछे हाथों में कावंड़ लिए कतारबद्ध कावड़ यात्री,उनके पीछे भोले के भजन चलाता डीजे ओर फिर सैकड़ो की संख्या में पुन कांव​ड यात्री शामिल थे ।

शिवभक्त कावंडियों ने सोमेश्वर महादेव मंदिर भीतरिया कुंड से कावंड यात्रा प्रारंभ की। कावड़ यात्रा दादाबाड़ी छोटा चौराहा, तीन बत्ती चौराहा, केशवपुरा चौराहा, महावीर नगर तृतीय चौराहा घटोत्कच चौराहा होते हुए भगवान पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर कॉम्पिटिशन कॉलोनी पहुंची। जहां रामधाम के आर्चाय निधि नाथ ने जलाभिषेक करवाया। यात्रा मार्ग में 101 स्वागत द्वार बनाए गए। यात्रा का 20 से 30 स्थानों पर फूल व मालाओं से स्वागत कर उन्हे शीतल पेय भी पिलाया गया। कांवड़ यात्रा जिस मार्ग में गुजरती वह स्थान भोले नाथ की जय, बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो जाता।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी, भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय सचिव एवं कोटा महानगर समन्वयक किशन पाठक, पार्षद भानू प्रताप, योगेश आहलुवालिया, समिति उपाध्यक्ष ओम गौड़ व आशीष झंवर, कोषाध्यक्ष कुलदीप माहेश्वरी, संरक्षक जोगेश्वर सिंह, गिरधर लाल बडेरा, सहित हजारों कांवडिये और सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे।