जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बिजली की समस्या को लेकर बवाल मच गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कटौती के मामले में झूठ बोल रही है और जनता को गुमराह कर रही है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री 22 घंटे बिजली आने की बात कह रहे हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।
उन्होंने सदन में स्पीकर से कहा कि सरकार से फ्यूल सरचार्ज वापस कराओ। उधर, नोहर विधायक अमित चाचान ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव रखा। चाचान ने कहा, ‘जनता बिजली पर त्राहिमाम कर रही है। 20 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।’ उन्होंने कहा गांव अंधेरे में डूबे हैं और सरकार ने फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया है। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की।
बिजली आपूर्ति के दावे पर कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए। उन्होंने फ्यूल सरचार्ज पर चर्चा की मांग की। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने खड़े होकर सदन में जमकर नारेबाजी की। स्पीकर वासुदेव देवनानी व्यवस्था देते हुए बिजली के मुद्दे पर सदन में एक दिन चर्चा की बात कही।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज को लेकर भी हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। इसके अलावा, प्रश्नकाल के दौरान 24 तारांकित और 22 अतारांकित प्रश्न पूछे जाने थे, जिनमें उद्योग, सामाजिक न्याय, राजस्व, जनजाति विकास, वन, सहकारिता और ऊर्जा विभाग से जुड़े सवाल शामिल थे।
शून्यकाल के दौरान, विधायक फूल सिंह मीणा ने UDH मंत्री का ध्यान JBH अस्पताल और कॉलेज निर्माण में अनियमितताओं की ओर दिलाया। वहीं, बीजेपी विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने जल संसाधन मंत्री से परवान सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र के गांवों को पूर्ण डूब क्षेत्र में शामिल करने और प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की।
सदन में उपमुख्यमंत्री डॉ. पीसी बैरवा ने छह विश्वविद्यालयों की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इसके बाद, जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। कुल मिलाकर, विधानसभा में बिजली कटौती, फ्यूल सरचार्ज, विभिन्न विभागों से जुड़े प्रश्न और अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की।