बुरे वक्त में काम आने वाले लोगों के दिल में बसते हैं: आदित्य सागर महाराज

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कोटा। चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन समाज समिति की ओर से जैन मंदिर रिद्धि- सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में चातुर्मास के दौरान श्रतुसंवेगी आदित्य सागर मुनिराज ने शुक्रवार को अपने नीति प्रवचन में कहा कि कहा कि हमसे जीतना हो सके लोगों की मदद करनी चाहिए। इसे अपने स्वभाव में शामिल करना चाहिए।

हम गर्मी में प्याऊ, पक्षियों के दाना- पानी की व्यवस्था, घरों के बाहर टंकी भरकर पशुओं के पानी के व्यवस्था भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति को आप जो देते हो वह लौटकर आता है। जब आप मदद का भाव या कर्म रखते हो, दूसरों मदद के लिए खड़े रहते हो तो आपकी मदद स्वत: ही होती है। उन्होंने कहा किसी के बुरे दिन ज्यादा नहीं रहते हैं। परन्तु उन बुरे दिनो में जो साथ देता है, वह दिल में उतर जाता है। जो साथ नहीं देता वह दिल से उतर जाता है।

गुरूदेव ने मदद करने से पूर्व व्यक्ति की पात्रता का चयन करने की बात भी कही उन्होने कहा कि कोई योग्य हो उसी की मदद करें। उन्होने कहा कि मदद भी सदैव यथाशक्ति ही करें।

इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी,मंत्री पारस बज, रिद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, राजमल पाटोदी, पारस कासलीवाल, निर्मल अजमेरा, बसंती लाल डोसी, सुरेश देईवाले, महावीर बडला,आशीष पाटनी सहित कई लोग उपस्थित रहे।