नई दिल्ली। प्याज के भाव (Onion Price) लगातार चढ़ रहे हैं। इस महीने इसके थोक भाव 50 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। खुदरा भाव में भी इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें तो आगे प्याज और महंगा हो सकता है।
प्याज के दाम बढ़ने की वजह इसकी आवक कम होना है। जिंसों की आवक के आंकड़े रखने सरकारी एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक इस महीने अब तक 7.20 लाख टन प्याज की आवक हुई है, जो पिछली समान अवधि की आवक 10.76 लाख टन से 33 फीसदी कम है।
महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। इस राज्य की अहम मंडी पिंपलगांव में प्याज के थोक इस महीने 400 से 2,400 रुपये से बढ़कर 1000 से 3,300 रुपये क्विंटल हो चुके हैं। इस दौरान प्याज की मॉडल कीमत (इसी भाव पर अधिकतर बिक्री होती है) 2,000 रुपये से बढ़कर 2,850 रुपये हो गई है।
इस महीने दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 1,600 रुपये से बढ़कर 2,100 रुपये क्विंटल हो गई है। इसके अधिकतम भाव 2,000 रुपये से बढ़कर 3,000 रुपये क्विंटल हो गए हैं। इस तरह एक महीने में प्याज के थोक भाव में 30 से 50 फीसदी इजाफा हुआ है।
मंडियों में प्याज के भाव बढ़ने का असर इसकी खुदरा कीमतों पर भी पड़ रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार एक जून को देश भर में प्याज की औसत खुदरा कीमत 31.84 रुपये थी, जो आज बढ़कर 37.83 रुपये हो गई। इस दौरान प्याज की मॉडल खुदरा कीमत 30 रुपये से बढ़कर 40 रुपये किलो हो गई।
दिल्ली में इस महीने प्याज के औसत खुदरा भाव 30 रुपये से बढ़कर 50 रुपये, महाराष्ट्र में 28.42 रुपये से बढ़कर 38.26 रुपये, मध्य प्रदेश में 25.72 रुपये से बढ़कर 31.36 रुपये और उत्तर प्रदेश में 28.50 रुपये से बढ़कर 33.39 रुपये किलो हो गई है। इस तरह खुदरा बाजार में प्याज के भाव करीब 65 फीसदी चढ़ चुके हैं।
और कितना महंगा हो सकता है प्याज?
महाराष्ट्र के प्याज कारोबारी विजय बाफना ने बताया कि आवक में कमी के कारण प्याज महंगा हो रहा है। तेजी की उम्मीद में किसान मंडियों में प्याज कम ला रहे हैं। इसलिए इस माह इसके भाव 800 से 1000 रुपये क्विंटल तक बढ़े हैं। इस साल उत्पादन भी कम है। ऐसे में आगे भी प्याज की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है।
इस समय अच्छी गुणवत्ता वाला प्याज मंडियों में 3,000 से 3,300 रुपये क्विंटल बिक रहा है। अगले महीने तक इसके थोक भाव 4,000 रुपये क्विंटल के पार जा सकते हैं। आजादपुर मंडी के कारोबारी पीएम शर्मा भी मानते हैं कि आगे प्याज और महंगा हो सकता है।
महाराष्ट्र के प्याज किसान संतराम डोंगरे ने कहा कि किसानों ने प्याज के भाव बढ़ने की उम्मीद में इसे बेचना कम कर दिया है। एक कारोबारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण सरकार की सख्त नजर रहने से बीते महीनों में उत्पादन घटने के बावजूद प्याज के दाम नहीं बढ़ पाए। ऐसा माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्याज किसानों की नाराजगी के कारण भाजपा व सहयोगी दलों को नुकसान हुआ है। अब इसी साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में शायद ही सरकार प्याज की कीमतों पर ज्यादा सख्ती करने का जोखिम लेगी।