भारत में निर्मित आईफोन-15 को लेकर चीन फैला रहा प्रोपेगंडा, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। China’s attack on iPhone-15: अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी ऐपल ने कुछ दिन पहले आईफोन-15 लॉन्च किया था। इस फोन को भारत में बनाया जा रहा है। दुनियाभर में लोगों ने इसे हाथोंहाथ लिया है लेकिन चीन को यह कतई रास नहीं आ रहा है। चीन के लोग इस फोन में कमियां निकालने में लगे हैं।

यही वजह है कि पिछले मॉडल की तुलना में चीन में आईफोन 15 की डिमांड काफी कमजोर है। लाॉन्च के पहले दो हफ्ते की तुलना करें तो आईफोन 14 की तुलना में आईफोन 15 की बिक्री 4.5 परसेंट कम रही है। ऐपल के लिए अमेरिका के बाद चीन सबसे बड़ा बाजार है।

कोरोना काल में सप्लाई की दिक्कतों के कारण दुनिया की कई कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं। ऐपल ने भी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए भारत में प्रॉडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी की भारत में पांच साल में प्रॉडक्शन पांच गुना बढ़ाने की योजना है।

ऐपल का भारत में प्रॉडक्शन बढ़ाना चीन को रास नहीं आ रहा है क्योंकि उसे नुकसान का डर सताने लगा है। उसने भारत में बने आईफोन 15 स्मार्टफोन को बदनाम करने के लिए प्रोपेगैंडा वॉर शुरू कर दिया है। चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर भारत में बने आईफोन 15 के बॉयकॉट करने की मांग हो रही है।

कुछ रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि भारत में बने iphone 15 और iPhone 15 Plus मॉडल को यूरोप और अमेरिका में बिक्री के लिए बैन कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि भारत में बने iphone 15 की क्वॉलिटी खराब है। साथ ही इसमें हीटिंग यानी जल्दी गर्म होने का भी इश्यू आ रहा है।

हाल में चीन की इकॉनमी को लेकर तरह-तरह की निगेटिव खबरें आई हैं जबकि भारत की इकॉनमी हर मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर गहरे संकट में है। इसकी देश की जीडीपी में 25 परसेंट हिस्सेदारी है। इससे बैंकों का पैसा भी डूबने के कगार पर है। कई डेवलपर्स ने भुगतान में डिफॉल्ट किया है।

देश में बेरोजगारी चरम पर है, विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं, एक्सपोर्ट गिर रहा है और लोग पैसा खर्च करने से बच रहे हैं। अमेरिका के साथ तनाव चरम पर है। दूसरी तरफ भारत की इकॉनमी कुलांचे भर रही है। सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का कहना है कि भारत की इकॉनमी अगले कई साल तक सबसे तेज बनी रहेगी।