मुंबई। आधार की टॉप टीम डमी नंबर इंट्रोड्यूस करने की संभावना तलाश रही है, जिससे Aadhar के लिए सिक्यॉरिटी की एक और लेयर तैयार हो सके।
इस सिस्टम में किसी शख्स को सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट यूटिलिटीज, बैंकों और आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के तहत एक बैंक खाते से दूसरे में फंड ट्रांसफर करते वक्त या एटीएम से पैसा निकालते वक्त डमी यानी नकली नंबर शेयर करना होगा, न कि असल आधार नंबर।
इसमें कार्डहोल्डर के अलावा 12 अंकों के आधार नंबर की जानकारी सिर्फ यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के पास होगी, जो आपको यह नंबर इश्यू करता है।
इंडस्ट्री से जुड़े दो बड़े अधिकारियों ने बताया कि यूआईडीएआई में सीनियर लेवल पर इस बारे में चर्चा हुई है, लेकिन अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं किया गया है। डमी नंबर और उसकी फ्रीक्वेंसी इस बात पर निर्भर करेगी कि इस सिस्टम को किस तरह तैयार किया जाता है।
इस कॉन्सेप्ट से वाकिफ एक सूत्र ने बताया कि अगर हर आधार नंबर के बदले परमानेंट डमी नंबर दिया जाता है तो उससे फायदा नहीं होगा। आधार का मुख्य काम ऑथेंटिकेशन है। मतलब यह पता करना कि सही इंसान सेवा का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं।
इसलिए अगर कोई शख्स टेलीफोन कंपनी से ट्रांजैक्ट करते वक्त अलग डमी नंबर, बिजली कंपनी के लिए अलग डमी नंबर और पैसा ट्रांसफर करने के लिए अलग डमी नंबर इस्तेमाल करता है तो कोई यह पता नहीं लगा पाएगा कि उसका आधार नंबर क्या है।
यह काफी हद तक ओटीपी की तरह काम करेगा। उन्होंने कहा कि अगर सिंगल नंबर नहीं होगा तो आधार की मदद से किसी के पर्सनल डेटा तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
इस प्रपोजल पर UIADI के अंतिम रुख का पता नहीं है। इसका भी पता नहीं चल पाया है कि इसे किस फॉर्म में लाया जाएगा। इस बारे में यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय से पूछा गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि डेटा सिक्यॉरिटी के लिहाज से यह अच्छा कदम हो सकता है, लेकिन यह भी देखना होगा कि डमी नंबर अलग-अलग यूजर्स के लिए कितनी सहूलियत वाले होते हैं।
सरकार की मंशा को देखते हुए बैंक, यूटिलिटी और क्रेडिट कार्ड कंपनियां कस्टमर्स से 31 दिसंबर 2017 तक आधार डिटेल देने को कह रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर सर्विस रोक दी जाएगी। आधार के विरोधी मल्टिपल सर्विस प्रोवाइडर्स से इसे लिंक करने का विरोध कर रहे हैं।
वे यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद इन रूल्स में हो सकता है कि कुछ बदलाव हो। सुप्रीम कोर्ट आधार मामले पर 28 नवंबर से सुनवाई शुरू करेगा।