नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 13 ई-नीलामी में थोक ग्राहकों को केंद्रीय पूल से 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है। इससे गेहूं तथा गेहूं के आटे की कीमतों को कम करने में मदद मिली है। सरकार ने नौ अगस्त को घोषणा की थी कि वह थोक ग्राहक को OMSS के तहत अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल बेचेगी।
साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए गेहूं 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य पर बेचा जा रहा है, जो मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर है। खाद्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘OMSS नीति के सफल कार्यान्वयन ने यह सुनिश्चित किया कि खुले बाजार में गेहूं की कीमतें काबू में रहीं। साथ ही 2023-24 की शेष अवधि के लिए OMSS नीति को जारी रखने के लिए केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार है।’’
बयान के अनुसार, 21 सितंबर तक कुल 13 ई-नीलामी आयोजित की गई जिसमें योजना के तहत 18.09 लाख टन गेहूं बेचा गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान देश भर में 480 से अधिक डिपो से प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी में दो लाख टन गेहूं की पेशकश की जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि ई-नीलामी में गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य अगस्त में 2,254.71 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 20 सितंबर को घटकर 2,163.47 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
बयान के मुताबिक, ‘‘गेहूं के भारांश औसत बिक्री मूल्य में गिरावट के रुख से पता चलता है कि खुले बाजार में गेहूं की बाजार कीमतें नरम पड़ी हैं।’’ मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक साप्ताहिक ई-नीलामी में बेची गई मात्रा, प्रस्तावित मात्रा के 90 प्रतिशत से अधिक नहीं गई जो दर्शाता है कि देश भर में गेहूं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।