नई दिल्ली। गूगल अपने यूजर्स की लोकेशन लगातार ट्रैक कर रहा है और ऐसा इसकी मैप्स और लोकेशन आधारित सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। हालांकि बार-बार सवाल उठते रहे हैं कि गूगल की ओर से की जाने वाली यह ट्रैकिंग सही है या गलता, या फिर यूजर्स से इस तरह ट्रैकिंग की परमिशन ली जाती है या नहीं।
अब गूगल को लोकेशन ट्रैकिंग से जुड़े एक लॉसूट के चलते करीब 772 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा गया है। आरोप है कि गूगल बिना परमिशन लिए यूजर्स को ट्रैक करता है।
टेक कंपनी ने हमेशा ही साफ किया है कि अगर यूजर्स ट्रैकिंग डिसेबल कर देते हैं तो उनकी लोकेशन नहीं ट्रैक की जाती लेकिन इस बात में सच्चाई नहीं है। हाल ही में फाइल किए गए लॉसूट में कंपनी पर आरोप लगे हैं कि वह लोकेशन से जुड़ी जानकारी और इसका डाटा स्टोर किए जाने को लेकर यूजर्स को गलत व भ्रामक जानकारी दे रही है। द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गूगल को सेटलमेंट के लिए 9.3 करोड़ डॉलर (करीब 772 करोड़ रुपये) का जुर्माना भरना होगा।
कैलिफोर्निया में फाइल किया गया लॉसूट
गूगल के खिलाफ कैलिफोर्निया के एटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा की ओर से लॉसूट फाइल किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी यूजर्स से इस बात का झूठा वादा कर रही है कि उनके लोकेशन डाटा पर उनका पूरा नियंत्रण है। इसके बाद गूगल की डाटा हैंडलिंग प्रैक्टिस से जुड़ी जांच शुरू हुई और सामने आया कि यूजर्स की ओर से परमिशन ना दिए जाने की स्थिति में भी उनका डाटा ट्रैक और स्टोर किया गया। यही वजह है कि अब गूगल पर बड़ा जुर्माना लगाया गया है।
अपने फायदे के लिए डाटा का इस्तेमाल
बोंटा ने इस मामले पर हुई जांच के बारे में कहा, “हमारी जांच से पता चला है कि गूगल अपने यूजर से एक बात कहता है कि उनका डाटा लोकेशन ट्रैकिंग डिसेबल करने की स्थिति में नहीं ट्रैक किया जाएगा लेकिन इसका उल्टा किया जाता है। यानी यूजर्स की परमिशन ना मिलने के बावजूद उनका लोकेशन डाटा और मूवमेंट ट्रैक किया जाता है। इस डाटा का इस्तेमाल कंपनी अपने फायदे के लिए कर रही है।” उन्होंने कहा कि गूगल की यह मनमानी स्वीकार नहीं की जा सकती और हम जरूरी कार्रवाई कर रहे हैं।
यूजर्स की लोकेशन ट्रैकिंग क्यों
गूगल का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया के करोड़ों डिवाइसेज में इस्तेमाल किया जाता है और यही वजह है कि इसका ढेर सारे यूजर्स डाटा पर नियंत्रण है। गूगल लोकेशन डाटा का इस्तेमाल नए प्रोडक्ट्स डिवेलप करने से लेकर अपनी मैप और ऐड-टारगेटिंग सेवाएं बेहतर बनाने के लिए करता है। उदाहरण के लिए, लोकेशन और मूवमेंट के हिसाब से यूजर को उसके डिवाइस पर विज्ञापन दिखाए जाते हैं और उसकी पसंद-नापसंद समझी जा सकती है।