–कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Gehlot’s meeting with Bharat Singh: राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि-” यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़प्पन है कि उन्होंने मुझसे मिलने की इच्छा व्यक्त की और मैं उनसे मिला। मेरे उठाये गए मुद्दे अपनी जगह हैं लेकिन मुख्यमंत्री का मुझसे मिलने की इच्छा व्यक्त करना उनके बड़प्पन को दर्शाता है।”
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत की कोटा यात्रा के दौरान पिछले करीब साढे चार सालों से लगातार मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया को लगातार घेरते रहे श्री भरत सिंह की कोटा में बीते 15 घंटे में दो बार मुलाकात हुई। दोनों मुलाकातों को काफी सौहार्दपूर्ण बताया गया है। श्री भरत सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि-” बुधवार को जब मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर था।
तब मुझे यह सूचना दी गई कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत मुझसे मिलने के लिए मेरे आवास पर आना चाहते हैं तो सूचना मिलने के बाद मुझे लगा कि यह गलत होगा कि मुख्यमंत्री मुझसे मिलने के लिए मेरे घर इसलिए आए क्योंकि मैं उनसे नाराज हूं। तब मैंने उचित यह समझा कि मैं उनसे मिलने के लिए जाऊं न कि वे मुझसे मिलने के लिए आए।
क्योंकि मुख्यमंत्री श्री गहलोत की अपनी गरिमा है इसलिए मैं बुधवार की शाम सात बजे कोटा के सर्किट हाउस में गया और उनसे मिला। बातचीत के दौरान मेरे निमंत्रण पर श्री गहलोत गुरुवार की सुबह मेरे आवास पर आए। मैं जानता हूं कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री गहलोत के पैरों में फ्रैक्चर हो गए थे, जिसके कारण उन्हें काफी तकलीफ थी।
इसके बावजूद मेरा निमंत्रण स्वीकार कर मेरे आवास पर आना उनका बड़प्पन है। जिन मुद्दों को मैं उठा रहा हूं, वे अपनी जगह है। कल और आज की मुलाकात में मैंने उनसे इन मसलों पर बातचीत नहीं की। क्योंकि मुख्यमंत्री को पता है कि मैं किन को लेकर संघर्षरत हूं और चूंकि अब तो मैंने अपना सिर भी मुंड़वा लिया है, तो जब भी वे देखेंगे तो उन्हें याद आ जाएगी कि किन मसलों पर मैं अपना विरोध व्यक्त कर रहा हूं। इसलिए इन मामलों पर कोई बातचीत मुख्यमंत्री से नहीं हुई है।”
श्री भरत सिंह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए इस बात को कहा कि-” मेरे मुख्यमंत्री श्री गहलोत से बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं और मैं मुख्यमंत्री को बहुत ही बारीकी से जानता हूं। रहा सवाल उन मुद्दों का जिन्हें मैं उठाता रहा हूं तो इन दोनों मुलाकातों में मुख्यमंत्री ने इनका जिक्र नहीं किया। मैं तो यह मुद्दा अब उठाना भी नहीं चाहता।
मैं अपना पक्ष रख चुका हूं। यह मुद्दे अपने आप याद किए जाते रहे इसलिए मैंने अपना मुंडन भी करवा लिया है। अब मेरा स्थाई स्वरूप है। अब इन मुद्दों पर मेरा बार-बार बात करना उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘ईमान के मर जाने पर’ हिंदू धार्मिक रीति-रिवाज का हवाले से अपना मुंडन करवा लिया और कहा है कि वे यह केश मुख्यमंत्री को भेज रहे हैं जिसे वे तुच्छ भेंट समझकर स्वीकार करें।