कोटा व्यापार महासंघ की पत्रकार वार्ता
कोटा। Kota News: कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि कोचिंग छात्रों के आत्महत्या के मामलों को लेकर शहर की छवि को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। शहर के सभी वर्गों को कटघरे में खड़ा करके कोटा के बारे में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जो समझ से परे है।
कोटा व्यापार महासंघ के तत्वावधान में आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि यह कोटा शहर जिसने पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देते हुए अपनी श्रेष्ठता साबित कर कोटा को पूरे देश में शैक्षणिक नगरी के रूप में स्थापित किया है। जिसके फलस्वरुप आज कोटा में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी यहां रहकर कोचिंग कर रहे हैं।
उनके ठहरने और खाने की संपूर्ण व्यवस्था उच्च दर्जे की है। हॉस्टल एवं पीजी द्वारा विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखा जाता है। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा की दृष्टि से भी कोटा ने अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाई है। पिछले 15 दिनों से जो कोटा को बदनाम करने के प्रयास किया जा रहे हैं। उसके पीछे कोटा की अर्थव्यवस्था और रोजगार को छीनने की साजिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि करीब 5 लाख लोगों का रोजगार एवं पूरी कोटा की अर्थव्यवस्था इसी पर टिकी हुई है। यह मुकाम यहां के सभी वर्गों के प्रयासों से संभव हो पाया है। विद्यार्थियों की आत्महत्या निश्चित ही एक दुखद पहलू है, जिसे रोकने के लिए सभी स्तरों पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, कोचिंग संस्थान, हॉस्टल व्यवसाय, व्यापारी, उद्यमी प्रयासरत हैं।
जिस ढंग से इसे प्रचारित किया जा रहा है उससे कोटा की छवि को गहरा आघात लगा है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। कोचिंग को बदनाम करके यहां भारी तादाद में आने वाले कोचिंग विद्यार्थियों को दूसरी तरफ विमुख करना इनका मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने अपील की कि कोटा व्यापार महासंघ एवं कोटा के सभी वर्गों को इस साजिश को नाकाम करने के लिए कोटा के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए ।
दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने बताया कि कोटा देश के सबसे उच्च स्तर की शैक्षिक नगरी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाए हुए है। यहां के कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों का देश के प्रसिद्ध आईआईटी कॉलेज एवं मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ है। साथ ही अन्य राज्यों की अपेक्षा कोटा में 2020-21 में जो आत्महत्याओ के मामले हुए हैं उन की दर मे 4% की बढ़ोतरी हुई है।
जबकि तेलंगाना में इस वर्ष 26.2 %, उत्तर प्रदेश में 23.5%, पांडिचेरी में 23.5 %, मध्य प्रदेश में 14.5%, केरल में 12.9%, तमिलनाडु में 12.1% एवं महाराष्ट्र में 11.5% मणिपुर में 11.4% की प्रति वर्ष वृद्धि हुई है। जबकि राजस्थान में मात्र 4% की वृद्धि है, जबकि कोटा में 2 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए सभी मोर्चो पर प्रयास करने होंगे। सिस्टम में किसी भी प्रकार का बदलाव करने से बच्चों पर दबाव एवं आत्महत्या को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल, सचिव पंकज जैन, चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान बिरला, सचिव अशोक लड्डा, कोटा डिस्ट्रिक्ट सेंटर हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव अनिल अग्रवाल, कोरल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, न्यू कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने संयुक्त बयान देकर कहा कि हमारे द्वारा हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की समस्याओं को लेकर समझौता समितियां का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सप्ताह में एक दिन हॉस्टल में सभी बच्चों को एकत्रित करके उनके साथ वार्तालाप किया जाता है। प्रतिदिन तीन बार बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ हर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। बच्चों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसके तुरंत निराकरण के प्रयास भी किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि साथ ही हॉस्टल एसोसियेशन द्वारा एक निगरानी कमेटी का भी गठन किया गया है, जो हर हॉस्टल में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेती है।
कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने वर्तमान में चल रहे इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सभी जनप्रतिनिधियों, समाज सेवी संस्थाओं से से आग्रह किया है कि कोटा की छवि को खराब करने वाले तत्वों को मुंह तोड़ जवाब दें। वास्तविक स्थिति जाने बिना किसी भी प्रकार का भ्रामक प्रचार न करें।
इस अवसर पर चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, आर्किटेक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवनेश लाहोटी, दी एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सिंघल एवं सचिव अक्षय सिंह सहित कई हॉस्टल व्यवसायी मौजूद थे।